निरमंड क्षेत्र प्राचीन काल से कई परंपराओं, देव आस्था, रीति - रिवाज, परंपरागत लोक गायन, देव गीत छाड़ी, लामण, देशी नेगी, लाणे, विवाह गीत, कारण मृत्यु गीत सहित लोक वाद्य यंत्रों की थाप पर परंपरागत विशेष नृत्य आदि लोक संस्कृति को बदस्तूर संजोये है। पूरे वर्ष इनका सामुदायिक स्तर उत्सव/ मेलों/ देव कार्यों के रूप में होता रहता है। तो इसी कड़ी में प्रस्तुत है लुप्त प्रायः लोक वाद्य यंत्रों की थाप पर भगवान शिव को समर्पित , परंपरागत लोक गीत छावड़ी की धुन पर थिरकते स्थानीय लोगों द्वारा किया गया नृत्य।
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