प्रादेशिक ब्यूरो
26 जून।
पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 26 जून का दिन अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता हैं । इसका मुख्य उद्देश्य समाज को नशा मुक्त करने के लिए लोगों को नशे से होने वाले कुप्रभावों के प्रति जागरूक करवाना हैं। सबसे पहले वर्ष 1987 में यह दिवस मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1987 में एक प्रस्ताव पेश कर समाज को नशा मुक्त करने की बात की थी। इस प्रस्ताव को सदस्य देशों की मंजूरी मिलने के पश्चात् से प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता हैं । अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की इस वर्ष की थीम "शेयर ड्रग फैक्ट्स टू सेव लाइव्स" है। जिसका अर्थ हैं नशा से संबंधित सही जानकारी सांझा कर जीवन को बचाना है। वर्तमान समय में नशे का प्रचलन दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा हैं ।आजकल बच्चे-बड़े सभी नशे के आदी होते जा रहे हैं। बच्चे तो कई प्रकार के नशा करने लगे हैं। जिनमें शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थ शामिल हैं। नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नाश कर देती हैं। बच्चों का नशे में रहना बेहद चिंतनीय विषय है। उनके हाथ में देश का भविष्य होता है। इससे आनेवाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस दुष्प्रभाव से बच्चों को बचाने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की हैं ।
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