जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि ई. वेस्ट का निस्तारण वैज्ञानिक ढंग से किया जाना चाहिए । ई. कचरा हर कहीं फैंकने से अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद कुल्लू, मनाली व जिला की अन्य नगर पंचायतों में हर महीने की पहली तारीख को डोर-टू-डोर कचरा एकत्र करने वाले ई. कचरा अलग से लोगों से एकत्र करेंगे। इस संबंध में उन्होंने नगर परिषदों, नगर पंचायतों व ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किए हैं कि पहली तारीख को ई.वेस्ट प्राप्त करने की व्यवस्था तथा इसके वैज्ञानिक निस्तारण की व्यवस्था को सुनिश्चित बनाएं।
आशुतोष गर्ग ने जिला के नागरिकों से भी अपील की है कि हर महीने पहली तारीख को वे ई.कचरा यानि सभी प्रकार की इलेक्ट्रानिक वस्तुएं व उपकरण जैसे डेस्कटाॅप, लैपटाॅप, मोबाईल इत्यादि को कूड़ा एकत्र करने वाले को अलग से दें। उन्होंने लोगों से कहा कि ई. वेस्ट को हर कहीं पर फैंकना, इसे जमीन में दबाना अथवा जलाना सभी स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए घातक हैं। एक सभ्य नागरिक के नाते सभी व्यक्तियों को ई. कचरा वैज्ञानिक निस्तारण के लिए कूड़ा एकत्र करने वालों को ही सौंपना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को किसी भी सूरत में जलाना व दबाना दोनों ही स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक है। उन्होंने पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वे संबंधित ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक की बोतलों के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे को भी एकत्र करें। प्लास्टिक का उपयोग सड़कें बनाने के लिए भी किया जा रहा है। इसके अलावा, यह कबाड़ में भी बिकता है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों व पंचायतों से ग्रामीणों को इस बारे में जागरूक करवाने को कहा हैं ।
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