पूर्ण चंद कौशल, ब्यूरो हिमाचल।
सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है। एचआरटीसी की बसों में दशकों से लिखा यह निर्देशात्मक वाक्य अब इसके विपरीत चालक और परिचालकों के लिए नसीहत बन सकता है। क्योंकि न जाने कब एमडी बस में सवार हों और किसी तरह की कोताही के लिए चालक-परिचालक जिम्मेदार हो जाएं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के एमडी संदीप कुमार इन दिनों बसों का इसी तरह औचक निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज प्रबंध निदेशक संदीप कुमार कालका-शिमला फोरलेन पर सोलन जिला के दत्यार में सवारी बनकर बस में चढ़ गए। इस दौरान उन्होंने कंडक्टर से जाबली तक की टिकट मांगी और 20 रुपये अदा किए। कंडक्टर ने उन्हें टिकट थमाकर दो रुपये वापस किए। इसी दौरान उन्होंने पीछे बैठी अन्य सवारियों से निगम की बसों में सुविधा और स्टाफ के व्यवहार को लेकर फीडबैक ली। बैजनाथ से शिमला रूट पर चल रहे परिचालक रमन कुमार ने बताया कि उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि बस में एमडी बैठे हैं। जब उनसे टिकटें दिखाने को कहा गया तो सोचा कि सामने वाला शख्स फ्लाइंग इंस्पेक्टर है। रमन ने बताया कि उनके व्यवहार को देखते हुए एमडी ने उनके साथ सेल्फी ली और उन्हें निगम व अपनी ओर से गिफ्ट दिया। इससे उनका हौसला बढ़ा है। दिवाली से अब तक 30 बसों का निरीक्षण एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने बताया कि दिवाली से लेकर अब तक पूरे प्रदेश में वह इसी तरह करीब 30 बसों का निरीक्षण कर चुके हैं। इसमें एक दो चालक-परिचालकों को छोड़कर सभी का व्यवहार ठीक पाया गया। उन्होंने कहा कि निगम की ओर से सवारियों को बेहतर सुविधा देने के लिए यह निरीक्षण जारी रहेगा।
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