25 नवम्बर।
आधा दर्जन संस्थाओं ने एसपी बददी को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई के लिए हफ्ते का अल्टीमेंटम
- संविधान व संविधान निर्माता के खिलाफ टिप्पणियों से भडक़ी संस्थाएं और आरक्षित वर्ग
- संविधानिक अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं -पारस
बददी, 25 नवंबर ( प्रतिनिधि )
शिमला से शुरू होकर हरिद्वार से लौटी स्वर्ण समाज की अधिकार यात्रा का बददी में हुए ठहराव और वहां की गई बयान बाजी पे आरक्षित वर्ग की विभिन्न जातियों और संस्थायों ने आपत्ति जताई है और इसकी शिकायत एसपी बददी को सौंपी है। आरक्षित वर्ग और संस्थायों का आरोप है सरकार इस प्रकार की यात्राओं पे रोक लगाने की बजाय उसको अपरोक्ष रूप से बढ़ावा दे रही है। इन संस्थायों का आरोप था कि स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर यात्रा कर रहे प्रतिनिधिमंडल के कुछ लोगों द्वारा संविधान व संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ की गई थी। इसी कारण और अभद्र टिप्पणियों से विभिन्न समुदाय भडक़ उठे हैं। वीरवार को वाल्मीकि समाज सभा, गुज्जर कल्याण परिषद, कबीर पंथी समाज सुधारक सभा, बंगाली समाज सभा, सैणी समाज सभा व रविदास समाज सभा ने एसपी बददी को ज्ञापन सौंपा। पोलाराम चौधरी ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से एससी, एसटी व अन्य पिछड़ा वर्ग के संविधानिक अधिकारियों पर हमला करने वाले समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ देशद्रोह व एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग उठाई गई।
भगवान दास और पारस बैंस ने ज्ञापन में कहा गया कि 23 नवबंर को बद्दी में प्रदेश के सामान्य वर्ग (स्वर्ण) के कुछ समाज विरोधी तत्वों ने शिव मंदिर में बैठक कर अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के संविधानिक अधिकारों पर हमला किया है। सोशल मीडिया पर हमारे संविधानिक अधिकारियों को ललकारा गया तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए धमकियां दी गई। संस्थाओं ने कहा कि सामान्य वर्ग अपने समाज के लिए स्वर्ण आयोग बनवाना चाहता है तो हमें कोई एतराज नहीं, लेकिन हमारे अधिकारों के हनन की कोई बात सहन नहीं की जाएगी। सामान्य वर्ग के कुछ तथाकथित लोगों द्वारा बददी में रैली निकालकर एससी, एसटी व अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को कुचलने की धमकियां दी गई। जिससे क्षेत्र के साथ साथ पूरे प्रदेश में सामाजिक सौहार्द व भाईचारे को बिगाडऩे का प्रयास किया गया है। ज्ञापन के माध्यम से संस्थाओं ने एसपी बददी से उक्त लोगों के खिलाफ देशद्रोह व एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग उठाई। संस्थाओं ने एल्टीमेटम दिया कि अगर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं होती तो उन्हें आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा। पूर्व प्रधान मालपुर पोला राम चौधरी ने कहा कि सरकार के सामने संविधान की शवयात्रा निकाली जाती है और संविधान में मिले अधिकारों को कोसा जाता है और सरकार तमाशाबीन बनी हुई है। इस मौके पर रविदास सभा के प्रधान पारस बैंस, कबीर पंथ सभा के प्रधान केवल कृष्ण, गुज्जर कल्याण सभा के प्रधान भगवान दास चौधरी, सुरेश कुमार, मदन लाल, वीरेंद्र सिंह, बलजीत सिंह, गुरचरन सिंह, राम सिंह, चेतराम, विमल कुमार, योगेंद्र सिंह, भगत राम समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
एसपी बददी मोहित चावला ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं ने मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा है। सरकार व महामहिम राज्यपाल को भी लोगों द्वारा प्रेषित ज्ञापन भेजा जाएगा। शिकायत पर जांच के उपरांत आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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