प्रदेश मंत्रिमंडल बड़े निर्णय होने की संभावना। जेबीटी मामले और पुलिस पे-बैंड मुद्दे पर मंत्रिमंडल के गरमाने के आसार।


लोकेंद्र सिंह वैदिक, ब्यूरो हिमाचल।

हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह को सचिवालय में होगी। इसमें कई बड़े फैसले होने की उम्मीद है। इसमें सरकार के चार साल पूरे होने पर 27 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम का वैन्यू स्थल फाइनल किया जाएगा। यह मंडी का पड्डल मैदान भी हो सकता है और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड भी। उद्योग विभाग दोनों स्थानों के लिए तैयारी कर रहा है। निवेशकों को लाने ले जाने की एयर कनेक्टिविटी के हिसाब से ये तय होगा। 20 हजार करोड़ के एमओयू भी इस दौरान होने वाली सेकेंड ग्राउंड बे्रकिंग में साइन होंगे। दूसरा फैसला जेबीटी केस में संभावित है। शिक्षा विभाग अनौपचारिक तौर पर इस बारे में चर्चा कर सकता है।
हाईकोर्ट से आए फैसले के अनुसार जेबीटी के पदों के लिए अब बीएड वाले भी पात्र बताये गए हैं। इस पर अब राज्य सरकार को फैसला लेना है कि ये यहां लागू करना है या नहीं? इस बारे में शिक्षा विभाग से फाइल पर केस आ गया है और इसे कैबिनेट में रखा जा सकता है। सरकार से फैसला होने के बाद ही विभाग हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। पुलिस के पे बैंड को लेकर भी चर्चा संभव है। हालांकि अभी ये मामला एजेंडे में शामिल नहीं हो पाया था। लेकिन चूंकि सोमवार को रखी गई इस बारे में बैठक नहीं हो पाई है, इसलिए संभव है कि कैबिनेट इस पर विचार करे। पुलिस जवान आठ साल तक कम पे बैंड देने से नाराज हैं और पिछले कल ही मुख्यमंत्री आवास ओकओवर आए थे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले हो रही इस बैठक में कुछ विधेयकों को लेकर भी फैसला हो सकता है। जिन्हें सत्र के दौरान विधानसभा सदन में रखा जाना है। 102 और 108 एंबुलेंस मामले पर भी निर्णय संभव है।
अभी कैबिनेट में नहीं आएंगे जेसीसी के फैसले
शिमला – 27 नवंबर को हुई जेसीसी की बैठक के फैसले अभी मंगलवार की कैबिनेट में नहीं जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि जेसीसी में हुए फैसलों को लेकर पहले प्रोसीडिंग्स निकलेंगी। इसके बाद ये मामले फाइल पर आएंगेऔर फिर कैबिनेट में जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जेसीसी में नए पे-कमीशन को जनवरी 2022 से देने, अनुबंध अवधि घटाने, एनपीएस कर्मचारियों के लिए 2009 की अधिसूचना जारी करने और दिहाड़ीदारों और जलवाहकों के लिए अवधि कम करने जैसे फैसले लिये थे। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक चलती रही और कुछ सहमति उसमें भी बनी। लेकिन अभी इसकी प्रोसीडिंग्स नहीं बनी है। इसलिए इस कैबिनेट में ये मामले नहीं आ रहे हैं। दिसंबर महीने में 10 से 15 तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र है। इससे पहले भी एक कैबिनेट हो सकती है। इस कारण इस बारे में फैसला अब दिसंबर में होने वाली कैबिनेट में बैठक में होगा। करूणामूलक भर्ती की पॉलिसी भी कैबिनेट ने संशोधित करनी है। इसके साथ पीडब्ल्यूडी के मल्टीटास्क वर्कर की भर्ती नीति भी अभी फाइनल होनी है।

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