मनरेगा में सभी को 120 दिनों का रोजगार दो, रोजगार नहीं तो भता दो, 23 फरवरी को होगा आनी में जोरदार प्रदर्शन।

आनी संवाददाता।
भवन एवं सड़क निर्माण कामगार यूनियन संबंधित सीटू ने लुहरी में की बैठक। बैठक में मनरेगा और निर्माण मजदूरों के बारे में चर्चा हुई। जिसमे सीटू अध्यक्ष जिला शिमला कुलदीप डोगरा उपस्थित हुए यूनियन ने कहा कि सरकार प्रशासन मनरेगा कानून को मजबूत करने के बजाय कमज़ोर कर रहे हैं, मनरेगा में हर साल बजट में कटौती कर रहे है पंचायतों में भी मनरेगा काम को सुनियोजित तरीके से नहीं कर रहे हैं।सामग्री में भी अनियमितता हो रही है । मनरेगा में अनुबंध फार्म नं --6 भरने पर कानून के तहत काम देना ही पड़ता है , नहीं देने पर भत्ता देना पड़ता है। सरकार मनरेगा को भी निजी हाथों में देने पर आमादा है ।
 सीटू ज़िला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार श्रमिक कल्याण बोर्ड जो मेहनतकश मजदूरों के लिए बना है। लम्बे संघर्ष के बाद 1996 में जब तीसरे मोर्चे की सरकार बनी थी, एच डी देवगौड़ा देश के प्रधानमंत्री थे ,तब इस श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन हुआ था । हिमाचल में सीटू के लंम्बे संघर्ष व कानूनी लड़ाई के बाद 2009 में बोर्ड का गठन किया गया । दुर्भाग्यपूर्ण आज तक तहसील स्तर पर बोर्ड का गठन नहीं किया गया। पंजीकृत मजदूरों को समय पर बेनेफिट नहीं दिए जा रहे हैं , दूसरी तरफ कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की प्रक्रिया को कठिन बनाया गया है ।यूनियन संबंधित सीटू ने मांग की है कि कोरोना संकट में सभी पंजीकृत मजदूरों को आर्थिक मदद मिले।आनी में श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन हो। सीटू संयोजक आनी पदम प्रभाकर ने कहा कि सभी मजदूरों को संगठित होकर संघर्ष करना चाहिए,अपने अधिकारों और हकों को बचाने के लिए संघर्ष एक मात्र रास्ता है। केंद्र की सरकार ने लेबर कोड बदल कर पूंजीपतियों के फायदे व हित में काम किया है। हायर एंड फायर की नीति लागू कर रहे । मनरेगा में 120 दिन का रोजगार और रसीद , निर्माण मजदूरों और दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर 23 फरवरी को आनी में प्रर्दशन करेंगे। सभी तमाम मजदूरों से 23 , 24 फरवरी की हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है ।इस बैठक में शिमला जिला किसान सभा के महासचिव देवकी नंद ने कहा कि मजदूरों के साथ-साथ मौजूदा सरकार ने किसान विरोधी काम किया है । सरकार ने किसानों की खेती और कृषि को घाटे का सौदा बना दिया है । सरकारी अनुदान को लगातार खत्म किया जा रहा है। दूसरी तरफ खेती से जुड़े हुए सभी चीजों को बहुत मंहगा किया है । निजीकरण की नितियों से किसान, बागवानों की हालात दयनीय हो गई है । दूध के मूल्य को बढ़ाने के लिए संघर्ष तेज करेंगे और 23,24 फरवरी की हड़ताल को सफल बनाएंगे । मजदूरों के इस हड़ताल में किसान भी शामिल होंगे।इस बैठक में सीटू अध्यक्ष जिला शिमला कुलदीप डोगरा, सीटू संयोजक आनी , टिकम, बीर सिंह , निर्मला , दसमी राम,मोहित , काकू, जोशी अंन्य दर्जनों लोग शामिल थे।

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