महेंद्र सिंह
अखण्ड भारत दर्पण।
सी.पी.एम. एरिया कमेटी रामपुर की बैठक मंगलवार को चाटी कार्यालय में आयोजित की गई ।बैठक में सी.पी.एम. राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद विशेष रूप से मौजूद रहे।
बैठक मे उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बनाए गए 44 प्रकार के श्रम कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए चार श्रम संहिताओं में बदलकर मजदूरों के अधिकारों को छीनने का काम किया है।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा तीन किसान विरोधी कृषि कानून लाए गए थे जिसके खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए और दिल्ली में एक साल से ज्यादा किसान धरने पर बैठे रहे। जिस कारण केंद्र की सरकार को ये तीनों कृषि कानून वापिस लेने पड़े।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के बजट में कटौती कर मनरेगा कानून को कमजोर किया जा रहा है। बजट के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों मे न तो पूरा रोजगार मिलेगा और न ही मजदूरी समय पर मिलेगी।जिससे मनरेगा में काम करने वालों पर आर्थिक बोझ पडेगा।
सी.पी.एम. एरिया कमेटी के सचिव देवकी नंद ने कहा कि प्रदेश जनविरोधी नीतियों से आज प्रदेश मे मंहगाई आसमान छू रही है। खाद्य वस्तुओं के अलावा सीमेंट,सरिया,खाद,व दवाइयों के दाम में कई गुणा वृद्धि होने से आम जनता को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने का वायदा किया था लेकिन किसानों की आय दोगुना तो नहीं हुई परंतु मंहगाई दोगुना जरूर हुई है।
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