दूध उत्पादको को नहीं मिल रहे दूध के उचित दाम।

महेंद्र सिंह।
अखण्ड भारत दर्पण।
17 मार्च।
हिमाचल दूध उत्पादक संघ एरिया कमेटी रामपुर की बैठक वीरवार को किसान मजदूर भवन चाटी कार्यालय मे आयोजित की गई। बैठक मे निरमण्ड,रामपुर,ननखड़ी,नारकण्डा,करसोग व आनी के कमेटी सदस्य शामिल हुए। इस बैठक में हिमाचल किसान सभा राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद भी मौजूद रहे। बैठक मे उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए डॉ ओंकार शाद ने कहा कि सरकार की नवउदारवादी नीतियों के चलते दूध उत्पादकों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इन नीतियों की वजह से दूध को पैदा करने की लागत बढ़ रही है। सरकार दूध उत्पादकों को दी जाने वाली सहायता से अपने हाथ पीछे खींच रही है जिसके कारण दूध उत्पादकों को न तो दूध का उचित दाम मिल रहे हैं और न ही दूध की पेमैंट समय पर मिल रही है। दूध के दाम बोतलबंद पानी से भी कम मिल रहे हैं। जिससे दूध उत्पादकों को अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है।
   उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूध उत्पादकों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना रही हैं। बजट का भी अभाव है। इतनी मेहनत करने के पश्चात भी दूध उत्पादकों को दूध की पेमेंट निश्चित समय पर नहीं मिल पा रही है। कभी- कभी तो पेमेंट दो माह बाद भी मिल रही है। जिससे कि इन पर दोहरी मार पड़ रही है।
   उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक संघ ने कई बार दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को प्रदेश सरकार के सामने रखा है परंतु प्रदेश सरकार इनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। जिसके परिणामस्वरूप दूध आज पानी से भी सस्ता बिक रहा है। 
    उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में मंहगाई लगातार बढ़ रही और खाद्य वस्तुओं के अलावा पशुओं को मिलने वाले पशु आहार,फीड व दवाई के दाम भी बढ़े हैं। जिसके कारण दूध को पैदा करने में लागत भी बढ़ रही है।सरकार की गलत नीतियों के चलते किसानी व पशु पालन घाटे का सौदा बन रहा है।
   दूध उत्पादक संघ एरिया कमेटी रामपुर के सचिव देवकी नंद ने कहा कि 7 मार्च को दूध उत्पादकों ने हजारों की संख्या में दत्तनगर पहुंच कर प्रशासन व प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा था जिस पर दूध उत्पादकों व प्रशासन के बीच कुछ मुद्दो पर बातचीत कर सहमति बनी थी। जिसमें उपमंडलाधिकारी रामपुर भी शामिल थे। जिसमें उन्होंने सभी सोसाईटियों में 30 मई तक टेस्टिंग मशीन देना,पेमेंट को 10 तारीख से पहले देना,ब्लॉक स्तर पर दूध उत्पादकों व सोसाईटियों के सचिवों की संयुक्त बैठक करना,सोसाईटियों के सचिवों को प्रशिक्षण देना शामिल था।
      उन्होंन कहा कि यदि प्रशासन इस समझौते को जमीनी स्तर पर लागू नहीं करेगा तो भविष्य मे दूध उत्पादकों को संगठित कर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।जिसको लेकर इस बैठक में योजना बनाई गई। साथ ही ब्लॉक व गांव स्तर पर बैठकों की योजना भी बनाई गई।
   उन्होंने कहा कि दूध उत्पादकों की समस्याओं को लेकर दूध उत्पादक संघ अप्रैल माह में शिमला में भी प्रबंधन वर्ग से मिलेगा।बैठक में दिनेश मेहता ,दुर्गा नंद,जीवन,हरविंदर, किशोरी लाल, विजय, नरेश,जोगिंदर,सुभाष,प्रेम चौहान,कपूर,सुषमा देवी,विमला,सरिता,गोपाल आदि शामिल थे।
 

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