बंजार घाटी के होनहार युवा गुरदयाल सिंह लुप्तप्राय मूर्तिकला को पिछले 12 वर्षों से संजोए हुए हैं। सोने चांदी के आभूषण और लोक वाद्य यंत्र बनाने में है माहिर।

मनीष, ब्यूरो आनी।

आनी कस्बे के तहत कोर्ट रोड में स्थित साहिल ज्वेलर्स के मालिक गुरदयाल सिंह एक ऐसा नाम है; जो कि देवी-देवताओं के मोहरे व मूर्तियों को सोने चांदी व कांस्य आदि धातुओं से बनाने में दक्ष है। इसके अतिरिक्त वे लोक वाद्य यंत्र ढोल,नगाड़े, करनाले, नरसिंगे आदि बनाने में पारंगत हैं। इतना ही नहीं, यह युवा कारीगर सोने चांदी के आभूषण बनाने में हस्त सिद्ध है। आधुनिक समय में जब युवा अपने पुश्तैनी काम छोड़कर चकाचौंध की दुनिया को ओर आकर्षित हो रहा है;वही बंजार के सजवाड़ क्षेत्र निवासी गुरदयाल सिंह अपने पुश्तैनी धंधे का पिछले 12 वर्षों से संजोए हुए हैं। अभी तक इस युवा कलाकार को कोई भी सरकारी आर्थिक मदद हासिल नहीं हुई है। इस चैनल के माध्यम से  उन्होंने हिमाचल सरकार से अपील की है कि भाषा कला एवं संस्कृति विभाग से उन्हें एक प्रशिक्षण केंद्र दिलवाया जाए ; जहां प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षक को कुछ वृति( स्टाइपेंड) मिले। ताकि इन लुप्त प्राय: कलाओं का सरंक्षण हो सके और युवा को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच मिल सके।

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