मनरेगा मजदूरों की 350 रुपये दिहाड़ी के लिए होंगे प्रदर्शन,मजदूर दिवस व सीटू स्थापना दिवस पर किया जाएगा कार्यक्रमों का आयोजन।

महेंद्र सिंह।
अखण्ड भारत दर्पण।
17अप्रैल।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सडक निर्माण मजदूर यूनियन ( सम्बन्धित सीटू ), ब्लाक कमेटी निरमण्ड की बैठक शनिवार को केंद्र व प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी, जन विरोधी, राष्ट्र विरोधी विनाशकारी नीतियों के विषय को लेकर किसान मजदूर भवन निरमण्ड में हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए सीटू जिला शिमला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा व हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन ब्लॉक यूनिट महासचिव अमित, अध्यक्ष सनी राणा, परस राम, कश्मीरी, परमिंदर ने कहा कि देश की मौजूदा सरकार ने देश की जनता के जीवन को संकट में डाल दिया है।

अब संघर्ष न केवल लोगों के अधिकारों व आजीविका व जीवन बचाने के लिए है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और सम्पूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्था और पूरे समाज को उस आपदा और विनाश से बचाने के लिए है। देश के अंदर हालात बदतर होते जा रहे हैं मौजूदा समय में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है जिसने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में न केवल मेहनतकश लोगों को बल्कि पूरे युवा, छात्र वर्ग के लिए निराशा की स्थिति पैदा कर दी है। 
देश की सरकार  के द्वारा संविधान, जनतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया जा रहा है।  पिछले सौ साल के अंतराल में बने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिताएं अथवा लेबर कोड बनाना, 3 किसान विरोधी काले कानूनों को पारित करना और किसानों के विरोध के चलते वापिस लेना, बिजली संशोधन कानून 2021 इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूँजीपतियों के साथ खड़ी हो गई है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले मुफ्त में देने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत मोदी सरकार  बैंक, बीमा, रेलवे, सड़क, बीएसएनएल ,एयरपोर्टों, स्टेडियम, बिजली , बंदरगाहों, ट्रांसपोर्ट, गैस पाइप लाइन, बिजली, सरकारी कम्पनियों के गोदाम व खाली जमीन, सड़कों, स्टेडियम सहित ज़्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करके बेचने का रास्ता खोल दिया गया है। इससे केवल पूंजीपतियों, उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है व गरीब और ज़्यादा गरीब होगा।

मनरेगा कानून में बजट की कमी के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और जिनको मनरेगा में काम मिल रहा है उन्हें समय पर उसका वेतन नहीं मिल रहा हैं। मजदूर नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि मनरेगा मजदूरों की 350 रुपये दिहाड़ी और साल में 120 दिन के रोजगार को लेकर निरमण्ड के अंदर प्रदर्शन किए जाएंगे। निरमण्ड ब्लॉक मजदूर दिवस व सीटू स्थापना दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ।

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