दूग्ध उत्पादकों को मेहनत का लाभकारी मूल्य दो, लूट करो बंद : दूग्ध उत्पादक संघ आनी।

दूग्ध उत्पादक संघ आनी दूग्ध उत्पादकों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है । पिछले कई सालों से संघ दूध की तमाम मांगो को लेकर संघर्षरत है । संघर्षों के चलते कुछ न कुछ हासिल जरूर किया है। आज के दौर में जिस तरह से मंहगाई उच्च स्तर पर पहुंच गई है, इसके कारण घर के खर्चे चलाना मुश्किल हो गया है ।  फीड ,चोकर चारा भी बहुत मंहगा होने के कारण  दूध के कारोबार करने में बहुत परेशानियां हो रही है। दूसरी तरफ गाय भी 20 से 50 हज़ार तक खरीदी होती है।  आनी ब्लाक में लगभग 7 हजार किसान दूध का निरंतर कारोबार करते हैं। । सरकार की अनदेखी  के चलते दूग्ध उत्पादकों को भारी नुक़सान का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण बहुत से महिलाओं ने गाय को पालना बंद कर दिया है  । गांव में महिलाओं की आर्थिकी का एक बहुत बड़ा साधन दूध का कारोबार है , लेकिन सरकार की गलत नितियों और नियत के चलते गांव के किसान गरीब हो रहे हैं फैक्ट्ररियों के मालिक अमीर हो रहे हैं। दूग्ध उत्पादक संघ ने कहा कि गांव में महिलाओं को 16 घंटे गाय की रखवाली और उचित देखभाल  के लिए काम करना पड़ता है ।गांव स्तर पर खेती और कृषि करना घाटे का सौदा बन गया है । सरकार की पूंजीबादीपरस्त नितियों के कारण किसान खेती छोडने को मजबूर है।  किसानी,खेती को समृद्ध और खुशहाल , लाभदायक बनाने के लिए सरकार को हर फसलों और फल, सब्जियों केरल की तर्ज  लाभकारी समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए था। बीज,दवाईयों के लिए भारी अनुदान देकर उचित प्रबंध करना चाहिए था। भारी बारिश, ओलावृष्टि तूफान से भी फसलें नष्ट होने पर सरकार कोई भी राहत नहीं देती है ।
महिलाओं ने  गाय पालना इसलिए शुरू किया ,ताकि कुछ खर्चों की भरपाई हो।  घास चारे को लेकर महिलाओं को घास काटने के लिए ढांक में जोखिम उठाना पड़ता है जिसके कारण पिछले 15 सालों से आनी में ही 15 महिलाओं की मौत हुई है व कई घायल हुई है।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस देश में आर्थिक तौर पर भी बहुत असमानता है ।एक तरफ़ जहां  गाय का शुद्ध दूध की क़ीमत प्रति लीटर 20-25 रुपया देते हैं । दूसरी तरफ फैक्ट्ररियों, कंम्पनियों का लिक्यूड दूध 54 रुपये से 60 रुपये में दे रहे व पैकेट  में पाउडर दूध 80 से 100 रू तक दे रहे है ।
दूग्ध उत्पादक संघ ने कहा कि यह एक प्रायोजित लूट सरकार द्वारा की जा रही है । दूग्ध उत्पादक संघ आनी दूग्ध प्लांट से यह जानना चाहती कि आनी में कितने कालेक्शन केंद्र है, कहां पर कितनी मशीने लगी है ?कितनी खराब है? सोसाइटियों की कितनी बार आम सभा की है?दूध वापिस भेजने का पैमाना क्या है? क्यों डिग्री और पैसै में कटौती करते है ?किस आधार पर सोसाइटियों के सचिवों की मानटिरिंग कैसै करते हैं?दूध ब्लैक  में बेचा जा रहा की नहीं? टंकियों में पानी कौन डालता है? समय पर मजदूरी क्यों नहीं देते? दूग्ध उत्पादक संघ आनी मांग करती है कि दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए दिया जाए।दूध का पैसा हर महीने दस तारीक से पहले दिया जाए। डिग्री,एस.एन.एफ. ,फैट में कटौती व पैसे काटना बंद दिया जाए। ।
दूध वापिस भेजना और दूग्ध उत्पादकों को परेशान करना,गाली गलोच बंद किया  जाए।।
जिस सोसाइटी में अनियमितता होने की शिकायत हो उन पर तुरंत कार्रवाई करें।
 हर सोसाइटी के सचिवों की बैठक बुलाई जाए , जिसमें दूग्ध उत्पादक संघ भी शामिल हो। 
फ़ीड चोकर का उचित प्रबंध करो,
पशु औषधालय में खाली जगहों पर स्टाफ का बंदोबस्त करो जहां स्टाफ है वहां उचित दवाईयो, सिमन का प्रंबध करो।
दूग्ध उत्पादक के बुलाने पर उचित समय पर सिमन और दवाईयों का प्रयोग करें। दूग्ध उत्पादक समिति आनी,आनी के सभी किसान भाई बहनों से  सहयोग की अपील करती है कि अधिक से अधिक लोग  20 अप्रैल को हरिपुर प्लांट के घेराव में शामिल हो। साथ ही सभी सोसाइटियों के सचिवों से भी सहयोग की अपील करती है।

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