महेंद्र सिंह।
अखण्ड भारत दर्पण।
29 मई 2022.
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सडक निर्माण मजदूर यूनियन ( सम्बन्धित सीटू ), ब्लाक कमेटी निरमण्ड की बैठक शनिवार को केंद्र व प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी, जन विरोधी, राष्ट्र विरोधी,विनाशकारी नीतियों के विषय को लेकर किसान मजदूर भवन निरमण्ड में आयोजित की गई ।साथ ही इस बैठक में सीटू स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की गई।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सडक निर्माण मजदूर यूनियन ( सम्बन्धित सीटू ), ब्लाक कमेटी निरमण्ड की बैठक शनिवार को केंद्र व प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी, जन विरोधी, राष्ट्र विरोधी,विनाशकारी नीतियों के विषय को लेकर किसान मजदूर भवन निरमण्ड में आयोजित की गई ।साथ ही इस बैठक में सीटू स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए सीटू क्षेत्रीय समन्वय कमेटी के संयोजक रणजीत ठाकुर व हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन ब्लॉक यूनिट महासचिव अमित, अध्यक्ष सनी राणा, परस राम, कश्मीरी, परमिंदर, राजकुमारी, मीना और सुमित्रा ने कहा कि देश की वर्तमान सरकार ने देश की जनता के जीवन को घोर संकट में डाल दिया है।
देश की सरकार के द्वारा संविधान, जनतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया जा रहा है। पिछले सौ साल के अंतराल में बने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिताएं अथवा लेबर कोड बनाना, 3 किसान विरोधी काले कानूनों को पारित करना और किसानों के विरोध के चलते वापिस लेना, बिजली संशोधन कानून 2021 इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के साथ खड़ी हो गई है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले मुफ्त में देने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत मोदी सरकार ने बैंक, बीमा, रेलवे, सड़क, बीएसएनएल ,एयरपोर्टों, स्टेडियम, बिजली , बंदरगाहों, ट्रांसपोर्ट, गैस पाइप लाइन, बिजली, सरकारी कम्पनियों के गोदाम व खाली जमीन, सड़कों, स्टेडियम सहित ज़्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करके बेचने का रास्ता खोल दिया है। इससे केवल पूंजीपतियों, उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है और इससे गरीब और ज़्यादा गरीब होगा।
मनरेगा कानून में बजट की कमी के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और जिनको मनरेगा में काम मिल रहा है उन्हें समय पर उसकी मजदूरी नहीं मिल रही हैं। मजदूर नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि मनरेगा मजदूरों की 350 रुपये दिहाड़ी और साल में 200 दिन के रोजगार को लेकर निरमण्ड के अंदर प्रदर्शन किए जाएंगे।
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