महेंद्र सिंह।
अखण्ड भारत दर्पण।
27 मई 2022.
नित्थर उप तहसील के किसान और मनरेगा मजदूरों की संयुक्त बैठक का आयोजन वीरवार को केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान-मजदूर विरोधी नीतियों और मनरेगा मजदूरों की समस्याओं को लेकर विश्राम गृह नित्थर में हुआ ।
बैठक को संबोधित करते हुए किसान सभा जिला शिमला महासचिव देवकीनन्द व हिमाचल भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन ब्लॉक यूनिट निरमण्ड महासचिव अमित ने कहा कि देश की मौजूदा सरकार ने देश की जनता के जीवन को संकट में डाल दिया है।
नित्थर उप तहसील के मनरेगा मजदूरों की स्थिति बहुत ही चिंतनीय है। मनरेगा में बजट की कमी के कारण मजदूरों को रोजगार नही मिल रहा है और जो थोड़ा बहुत रोजगार मिल भी रहा है, उसकी मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं होता। जिसके चलते इस कमर तोड़ मंहगाई में जीवन वसर करना मुश्किल हो गया है।
बेरोजगारी के चलते मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की संख्या बड़ी है और मजदूरी के नाम पर 212 रुपये की दिहाड़ी मजदूरों के साथ भद्दा मजाक है। संगठन की समझ है कि मनरेगा मजदूरों का वेतन राज्य की न्यूनतम दिहाड़ी 350 रूपये के समान होना चाहिए , ताकि मजदूर कम से कम समानजनक जीवन जी सके।
उप तहसील नित्थर में लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। आजादी के 75 साल बाद भी अस्पताल में डॉक्टर, स्कूल में अध्यापक और नल में पीने का पानी उपलब्ध करवाने में मौजूदा सरकर पूरी तरह से विफल है। स्थिति इतनी गम्भीर है कि नित्थर अस्पताल के अन्दर एक भी डॉक्टर नहीं है ओर पीने का पानी 8 दिन बाद मिल रहा है।
मजदूर किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि मनरेगा मजदूरों की 350 रुपये दिहाड़ी और साल में 200 दिन के रोजगार को लेकर और मूलभूत सुविधाओं की बहाली को लेकर किसान मजदूरों को लामबन्द कर, नित्थर उपतहसील मे विरोध प्रदर्शन करेगे। बैठक में सुनील, विपिन, राजेन्दर, स्नेहलता , मालू राम, किशनदेव, सीता, सुनीता, निटू, पूनम, प्रोमिला, पिंकी आदि लोग मौजूद रहे।
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