हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छात्रों के लिए बैठने की जगह कमी होने के कारण छात्रों को दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।जिसको लेकर बुधवार को एसएफआई विश्वविद्यालय की इकाई ने धरना धरना प्रदर्शन किया।
इस धरना प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष अविनाश ने कहा कि बड़े लंबे समय से एसएफआई विश्वविद्यालय के प्रशासन के सामने और लाइब्रेरी के प्रशासन के सामने मांग उठा रहे है कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के अंदर अधिकांश छात्रों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है।परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन इस ओर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। एसएफआई ने मांग की है कि विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के अंदर छात्रों की बैठने की क्षमता को जल्द से जल्द बढ़ाया जाए ताकि छात्रों को पढ़ने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस धरने को आगे बढ़ाते हुए एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव सन्नी सेक्टा ने बात रखते हुए कहा कि परीक्षाओं का दौर नजदीक है जिसके चलते छात्र लाइब्रेरी के अंदर पढ़ने के लिए आ रहा है। परंतु लाइब्रेरी के अंदर ज्यादातर छात्रों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है जिसके चलते छात्र अपनी परीक्षाओं की तैयारी सही ढंग से नहीं कर पा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन से एसएफआई मांग करती है कि इस समस्या को दूर करने के लिए जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के अंदर सेंट्रल रीडिंग रूम खोला जाए जिसके अंदर लगभग 400 से 500 छात्र बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकें । इसमें आगे बात रखते हैं उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन डिजिटल केंपस की बात करता है परंतु अभी तक वह छात्रों को वाईफाई की सुविधा भी नहीं दे पाया है जिसके चलते जो लाइब्रेरी के अंदर छात्र पड़ रहा है या पीएचडी के अंदर जो छात्र अपने शोध का कार्य कर रहा है वह किस तरह अपना कार्य पूरा कर पाएगा। उन्होंने आगे बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का काम है कि छात्रों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों को मूलभूत सुविधा प्रदान करने में नाकामयाब रहा है जिसके चलते लगातार विश्वविद्यालय के अंदर हालात ऐसे बने हैं कि विश्वविद्यालय के अंदर सुधार नहीं हो पा रहा है। एनआईआरएफ की रैंकिंग जो हाल ही में आई है उसके अंदर विश्वविद्यालय 200 के रैंक से बाहर हो चुका है
एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई यह मांग करती है कि यदि इन मांगों को जल्दी से जल्दी पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय के अंदर प्रशासन का घेराव किया जाएगा जिसका जिम्मेदार खुद प्रशासन होगा।
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