छात्र विरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वापिस ले सरकार , नहीं तो होगा आंदोलन -SFI

SFI का अखिल भारतीय उत्तरी भारत,राज्य जत्था दूसरे दिन शिमला के चौड़ा मैदान पहुंचा तथा वहां पर रैली और आम सभा का आयोजन हुआ ।
 जिसमें अखिल भारतीय सह- सचिव दिनित ने कहा कि शिक्षा पर हमले बढ़ रहे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था को खोखला किया जा रहा है ।
 NEP 2020 गैर लोकतांत्रिक तरीके से संसद में बिना चर्चा किए पास किया गया है और हिमाचल प्रदेश इसे लागू करने वाला पहला राज्य है ।  
 देश और प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा के बजट को कम रही है । PTA के नाम पर छात्रों को लूट रही है और आए दिन फीस में बढ़ोतरी कर रही है।
 छात्रों के जनवादी लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव को बहाल नहीं कर रही है । 
जहां सरकार को सस्ती शिक्षा मुहैया करानी चाहिए थी और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था । उसकी बजाय राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2020 को थोप कर शिक्षा व्यवस्था को कमजोर और खत्म करने की कोशिश सरकार कर रही है ।
 इसके विरोध में अखिल भारतीय जत्था प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के छात्रों को जागरूक करते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा । यह जत्था हिमाचल से होते हुए देश के अन्य राज्यों की ओर रवाना होगा। इस आम सभा को शुरू करते हुए और अखिल भारतीय जत्थे का स्वागत करते हुए शिमला जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि एसएफआई छात्र समुदाय से अपील करता है की शिक्षा को बचाने ,संविधान को बचाने , देश को बचने की लड़ाई में एसएफआई के साथ दें और इस लड़ाई में अपनी भूमिका अदा करे । इस आम सभा को अखिल भारतीय सह-सचिव के साथ- साथ दिल्ली राज्य सचिव प्रतिष  , हरियाणा राज्य सचिव मनजीत ,HPU अध्यक्ष रॉकी और हिमाचल प्रदेश राज्य सचिव अमित ने शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखने के लिए बात रखी । इसमें SFI  दिल्ली विश्वविद्यालय से शरण्य भी मौजूद रहे।
 अगर सरकार इस छात्र विरोधी NEP को वापिस नहीं लेती है और छात्र मांगो को पूरा नहीं करती है तो पूरे देश के छात्रों को लामबंद करते हुए SFI उग्र आंदोलन करेगी ।

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