प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जगह -जगह भूस्खलन हो रहा है। ऐसा ही मामला कुल्लू के निरमण्ड खण्ड में पेश आया है। निरमण्ड खण्ड की लोट पंचायत के गवाल गांव के ठीक ऊपर पहाड़ी दरकने लगी है। जहां पहाड़ी में करीब 15 फुट दरार आ चुकी है । करीब 100 मीटर के दायरे में दरार आने से पहाड़ी खिसकने लगी है। जिस कारण पहाडी के ठीक नीचे बसे गवाल गांव को खतरा पैदा हो गया है। खतरे को भांपते हुए गांव के लोगों ने करीब 50 घरों को खाली कर दिया है।
और लोग अपने गांव और घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। यहां तक गांव के लोगों ने खिसक रही पहाड़ी का खुद भी निरीक्षण कर लिया है। जहां भारी मात्रा में मलवा गांव की ओर आने को तैयार है जिसमें बड़ी- बड़ी चट्टानें भी शामिल है। ग्रामीणों की माने तो अगर यह मलबा और चट्टाने गांव की ओर आ गई तो यहां काफी बड़ी तबाही हो जाएगी। पहाड़ी में जहां दरारें आई है वहां पानी भी खाई के बीच भूमिगत हो गया है जो और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। खाई में जाता हुआ पानी इस दरकते क्षेत्र को और कच्चा बना रहा है जिससे मलबा और चट्टाने सीधे खिसकते हुए गांव को तबाह कर देगी।
प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो सबसे ज्यादा खतरा दो बड़ी- बड़ी चट्टानों से हैं जो अपनी जगह से खिसक चुकी है। अगर ये चटटाने नीचे गिरी तो ये गांव में तबाही मचा सकती है। ऐसे में प्रशासन ने इन चटटानों को तोड़ने की योजना बना रही है ताकि गांव पर से खतरा टल जाए। जिसके लिए आज प्रशासन की टीम पत्थरों को तोड़ने वाले लोगों को भी साथ लेकर मौके पर पहुंची ताकि गांव पर मंडरा रहे खतरे को दूर किया जा सके।
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