हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में शिमला शहर से सटी पंचायतों चमियाणा और मल्याणा का एक प्रतिनिधिमण्डल प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग ई. अजय गुप्ता और प्रमुख अभियंता (प्रोजेक्ट) ई. अर्चना ठाकुर से मिलकर उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में ज्ञापन सौंपा और उनके तुरंत समाधान की मांग उठाई।
प्रमुख अभियंता ई. अजय गुप्ता और प्रमुख अभियंता (प्रोजेक्ट) ई. अर्चना ठाकुर ने समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। मुलाकात के बाद मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) ई. पवन शर्मा ने एसडीओ के साथ उस जगह का दौरा किया जहां बरसात से सड़क और पानी के स्रोत खराब हुए हैं।
डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि प्रदेश में लगातार हो रही वारिश से नगर निगम क्षेत्र से निकलने वाले नालों से भारी मात्रा में मलबा और कचरा बह कर ग्राम पंचायत चमियाणा क्षेत्र में आ गया है । जिसके कारण गांव के खेत, पेयजल स्रोत, सिंचाई के लिए आने वाले पानी को भारी नुकसान हुआ है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाले में एक तरफ ढिंगू बावड़ी वाले नाले का पानी तो दूसरी तरफ भट्ठाकुफर से सड़क का पानी आकर हिलग्रोव के नाले में आकर मिलता है और आगे जाकर शुराला- कटेयाँ रोड पर निर्माणाधीन पुलिया के साथ ठहर जाता है। जब वहां से पानी पूरे आवेग के साथ बहता है तो आगे जाकर बहुत नुकसान करता है।
डॉ. तंवर ने कहा कि हमारा क्षेत्र सब्ज़ी पैदा करने वाला क्षेत्र है और इस समय सीज़न पीक पर है। लेकिन लोग सड़क खराब होने के कारण लोग अपनी सब्जियां पीठ पर ढोकर लाने के लिए मजबूर हैं। वही सब्जी के लिए सिंचाई की ज़रूरत होती है परंतु फोरलेन के कारण कूहल पहले ही खराब हो चुकी है। ग्रामीणों ने अपना पैसा लगाकर जो पानी की पाइपें बिछाई थीं वे भी मलबे में दब गई हैं और पानी का स्रोत भी खराब हो गया है।
उन्होंने बताया कि यह समस्या केवल इस बार की नहीं है बल्कि हर साल इसी तरह से मिट्टी और कचरा बह कर ग्रामीण क्षेत्र को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि ढली–शोघी बाईपास से काटेयां जाने वाले रास्ते में जिसमें दो पंचायतें चमियाणा और मल्याणा के गांव आते हैं उसमें पुली लगाने का काम बहुत ही धीमी रफ्तार से चल रहा है। इसके कारण भी आए दिन रास्ता अवरुद्ध होता रहता है और सब्ज़ी की गाडियां निकालने में परेशानी होती है।
डॉ. तंवर ने कहा कि इसमें कई विभाग शामिल हैं। जहां ढली-शोघी बाईपास से ऊपर का क्षेत्र नगर निगम में आता है वहीं बाईपास की देखरेख का ज़िम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पास है। इससे नीचे का क्षेत्र पंचायत में है और उससे नीचे फोरलेन का काम चल रहा है। लेकिन आपसी समन्वय की कमी के कारण सभी एक-दूसरे पर बात टाल रहे हैं और समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा। जिससे ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं।
डॉ. तंवर ने कहा कि आम जनता के लिए यह मुश्किल है कि वह हर विभाग से जाकर मिले। इसलिए इसका समाधान प्रशासन और सरकार के स्तर पर किया जाना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से भी अपील की है कि वे बतौर लोक निर्माण मंत्री समस्या का स्थाई समाधान करें ताकि भविष्य में लोगों को परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर सचिव लोक निर्माण विभाग से भी मिलेंगे और संभव हुआ तो मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाएंगे।
डॉ. तंवर ने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान सभा ग्रामीणों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
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