मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अनुमति मिलने के बाद मुख्य सचिव आरडी धीमान ने पुरानी पेंशन के मामले पर चर्चा के लिए बनाई गई हाई पावर कमेटी में कुछ और सदस्य शामिल किए हैं।
इसमें कर्मचारी प्रतिनिधियों के तौर पर घनश्याम शर्मा, अश्वनी ठाकुर, राजेश शर्मा, एनपीएस संघ से प्रदीप ठाकुर और भरत शर्मा को शामिल किया गया है। लेकिन अब इस कमेटी में दो और नाम शामिल किए गए है । इस कमेटी में अब डीसी मंडी आईएएस अधिकारी अरिंदम चौधरी और एडीएम भरमौर एचएएस अधिकारी निशांत ठाकुर शामिल किए गए हैं।
डीसी मंडी अरिंदम चौधरी 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन जब उन्होंने हिमाचल सरकार में सेवाएं शुरू की थी तो राज्य सरकार कर्मचारी को पेंशन के लिए अपना फंड मैनेजर चुनने का विकल्प नहीं देती थी, जबकि भारत सरकार यह विकल्प पहले दे चुकी थी। अरिंदम चौधरी ने सर्विस ज्वाइन करने के बाद इस पर आपत्ति जताई और उसके बाद 2019 में राज्य सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को फंड मैनेजर चुनने का अधिकार दिया। यह सारा मामला वर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना को भी पता था, इसलिए उन्होंने इस कमेटी में अरिंदम चौधरी को शामिल किया।
इसी तरह से एचएएस अधिकारी निशांत ठाकुर को इस कमेटी में शामिल करने के पीछे भी एक कहानी है। निशांत ठाकुर शेयर मार्केट का अच्छा नॉलेज रखते हैं और कार्मिक विभाग में शेयर मार्केट से कमाए धन की जानकारी भी देते हैं। क्योंकि वर्तमान में फाइनेंस सेक्रेटरी के पास कार्मिक विभाग भी है, इसीलिए इनकी इस काबिलियत का पता विभाग में भी था। इसी वजह से इनका कमेटी में चयन हुआ है। कमेटी की बैठक अब 8 अगस्त को मुख्य सचिव ने अपने चेंबर में बुलाई है, जो दोपहर बाद होगी। इसमें ओल्ड पेंशन के मामले में आगे की कार्य योजना को लेकर चर्चा होगी ।
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