"डूबते को देख मत सोचना कि दौर ही खत्म हो गया ऊपर वाला बड़ी हस्ती बड़ी पहुंच त्रस्त जीवन का त्राता है " ।

बुलंदी साहित्य सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित अखण्ड कवि सम्मलेन में हिमाचल के जिला कुल्लू से संबंध रखने दो कवियों ने अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी । कार्यक्रम का संचालन युवा कवयित्री अक्षिता और अमिता ने बखूबी किया। कविता के इस महायज्ञ में  डा० संजय श्रीवास्तव ,आराधना प्रसाद, पूनम प्रकाश,अमिता गुप्ता,बलबीर सिंह,यज्ञसैनी साहू,नवीन प्रसाद, फौजी के०सी० कविराज सहित सोम प्यारे ने अपनी प्रस्तुति दी। युवा कवि सोम प्यारे ने सर्वप्रथम भ्रूण में मारी जा रही बेटियों के दर्द को बयां करती हुई मार्मिक रचना "मुंह न मोड़ो मेरी मां तुम्हें क्या उदासी है" सुनाई जिसे सुनकर सबकी आंखें भर आई। इसके बाद उन्होंने कुछ श्रृंगारिक मुक्तकों से समां बांधा और रूहानी प्रेम का पुरजोर समर्थन करती हुई रचना को पढ़कर खूब तालियां और बधाइयां बटोरी।
 इसी क्रम में फौजी के० सी० कविराज ने इंसान इंसान के काम आता है अपनी कविता का जब वाचन किया तो पटल पर उपस्थित सभी साहित्य मर्मज्ञों ने कलम के सिपाही की खूब प्रशंसा की। 
*डूबते को देख मत सोचना कि दौर ही खत्म हो गया
ऊपर वाला बड़ी हस्ती बड़ी पहुंच  त्रस्त जीवन का त्राता है*
फौजी के०सी० कविराज की इन पंक्तियों ने बुलंदी साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित अखण्ड महाकवि सम्मेलन में समां बांध दिया। ये वर्चुअल महा सम्मेलन 21 अगस्त से निरंतर चला है जिसमें देश व विदेश के हिंदी भाषी साहित्यकार बढ़- चढ़ कर भाग ले रहे हैं। 
बुलंदी साहित्य सेवा संस्था द्वारा आयोजित ये महा सम्मेलन वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने जा रहा है। जिसमें 35 देशों के साहित्यकार 300 घंटे अनवरत काव्यपाठ करेंगें। स्टार ब्रदर्स फाऊंडेशन के संस्थापक के०सी कविराज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस वर्चुअल सम्मेलन में कुल्लू के युवा कवि सोम प्यारे सहित देश के अलग -- अलग राज्यों से जुड़े साहित्यकारों के बीच काव्यपाठ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। ये निसंदेह कुल्लू के लिए ही नहीं अपितु  हिमाचल के लिए भी गर्व की बात है कि फौजी के०सी० कविराज सीमाओं की रक्षा करते हुए साहित्य के संरक्षण और संवर्धन में सदैव अपना योगदान देते हैं।

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