श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं व पंजीकरण में हो रही देरी के खिलाफ़ मनरेगा व निर्माण मजदूरों ने रामपुर में किया धरना प्रदर्शन।

हिमाचल प्रदेश भवन, सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन (सम्बंधित सीटू) जिला कमेटी शिमला ने श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं व पंजीकरण में हो रही देरी के खिलाफ रामपुर श्रम एवं कल्याण अधिकारी के ऑफिस के बाहर सैकड़ों मनरेगा व निर्माण मजदूरों को लेकर 24 घण्टे के लिए धरना प्रदर्शन शुरु किया।
इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए निर्माण मजदूर यूनियन शिमला जिला महासचिव अमित, अध्यक्ष सुनील मेहता, सचिव रणजीत ठाकुर, हरदयाल, कश्मीरी, सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा और हिमाचल किसान सभा निरमण्ड इकाई अध्यक्ष देवकीनन्द ने कहा कि मनरेगा व निर्माण मजदूरों की सहायता के लिए बने हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड का वर्तमान सरकार द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा कल्याणकारी योजनाओं का जो लाभ मजदूरों को मिलना है वह समय पर नहीं मिल रहा है। छात्रवृत्ति सहायता राशि लगभग 2 साल बाद, शादी सहायता राशि लगभग 1 साल बाद, चिकित्सा सहायता लगभग 10 महीने बाद और अन्य सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बहुत देरी से मिल रहा है। 

उन्होंने ने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड के बजट में से करोड़ों रुपए प्रचार सामग्री पर खर्च कर दिए हैं और मुख्यमंत्री से लेकर विधायक व सत्ताधारी पार्टी के नेता बोर्ड के पैसे से लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं। मजदूरों के पैसे से बड़े - बड़े होर्डिंग लगाए जा रहे है। दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूँजीपतियों के साथ खड़ी हो गई है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले करने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। बजट में बैंक, बीमा, रेलवे, एयरपोर्टों, बंदरगाहों, ट्रांसपोर्ट, गैस पाइप लाइन, बिजली, सरकारी कम्पनियों के गोदाम व खाली जमीन, सड़कों, स्टेडियम सहित ज़्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करके बेचने का रास्ता खोल दिया गया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नारे की आड़ में मजदूर विरोधी लेबर कोडों को अमलीजामा पहनाया है। इस से केवल पूंजीपतियों, उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है व गरीब और ज़्यादा गरीब होगा।

यूनियन ने सरकार से मांग की है कि BOCW एक्ट व प्रवासी मजदूर कानून को दूसरे कानूनों में मर्ज न किया जाए बल्कि इनकी कमियों को दूर करके इसे सख्ती से लागू किया जाए। बोर्ड में पंजीकृत मनरेगा व निर्माण मजदूरों को लाभ जल्द जारी किया जाए, महिला मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीन, सोलर लैंप, इंडक्शन हीटर, साइकिल, कंबल टिफिन, वाटर फिल्टर, डिनर सेट आदि को पूर्व की तरह बहाल करो और पेंशन की राशि 3000 रुपये की जाए, निर्माण मजदूरों को मिलने वाले लाभ व समान का वितरण श्रम अधिकारी के माध्यम से समय पर किया जाए। बोर्ड मे हो रहे राजनैतिक हस्तक्षेप को रोका जाए, निर्माण मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया सरल व 15 दिनों के अंदर किया जाए और बोर्ड से मिलने वाले लाभ आवेदन के 3 महीने के अंदर दिए जाए। 
मज़दूर नेताओं ने चेताया है कि अगर मनरेगा व निर्माण मजदूरों की मांगें पूरी न की गईं तो फिर यूनियन 19 से 22 सितम्बर तक मजदूरों को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी।

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