आनी विधानसभा क्षेत्र में 16406 पात्र व्यक्ति उठा रहे सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ,50 फीसदी मामले वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में प्रदेश सरकार ने सभी तबकों बखूबी ख्याल रखा है, 
 मामला चाहे बिना किसी आय शर्त के बुजुर्गों को पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए आयु 80 वर्ष की वजाय 60 वर्ष करने का हो या कमजोर वर्गों का उत्थान, सरकार ने इसको प्राथमिकता में रखा है। इसी का नतीजा है कि आनी विधानसभा क्षेत्र में कुल स्वीकृत पेंशन के कुल मामलों में से करीब 50 फीसदी मामले वर्तमान प्रदेश सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में स्वीकृत हुए हैं। ये प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है। 

आनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 16406 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। इसमें से  7824 लोगों को वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बीते साढ़े चार सालों में शुरु हुई है। जोकि कि कुल पेंशन प्राप्त करने वाले लोगों का करीब 50 फीसदी बनता है। क्षेत्र में हर तीन महीने में सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 6.65 करोड़ रुपए त्रेमासिक स्तर पर खर्च किया जा रहा है। 

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में पहली केबिनेट की बैठक में बुजुर्गों की पैंशन आयु 80 साल से घटाकर 70 साल करने का निर्णय रहा। इसके पश्चात इस साल आयु सीमा को घटाकर 70 से 60 वर्ष किया गया। इसके चलते हजारों बुजुर्ग लोगों को इसके दायरे में लाया गया और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई। 

दिव्यांगों और विधवा महिलाओं को पहले की तर्ज पर पेंशन के दायरे में रखा गया है। जिन्हें 1000 रुपए से लेकर 1750 रुपए तक की पैंशन सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने इस राशि में समय- समय पर बढ़ौतरी भी की है।

तहसील कल्याण अधिकारी सतीश शर्मा का कहना है कि 60 साल से उपर के बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगों को भी पैंशन प्रदान की जा रही है। इसके अलावा 60 वर्ष से उपर के बुजुर्गों को बिना किसी आय शर्त के पेंशन दी जा रही है। यदि कोई पात्र पेंशन प्राप्त करना चाहता है तो संबंधित पंचायत में या तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकता है।

सामाजिक कल्याण की इन योजनाओं पर भी सरकार गंभीर


अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के दिव्यांग, विधवा, एकल नारी के हितों को ध्यान में रखते हुए आवास बनाने के लिए प्रदेश सरकार 1 लाख 50 हजार रुपए प्रदान किए जा रहे हैं।  स्वर्ण जयंति आश्रय योजना के तहत उपमण्डल में पिछले साढ़े चार वर्षों में 137 लाभार्थियों को आवास सुविधा प्रदान करके 1.96 करोड़ का लाभ पहुंचाया गया। इससे गरीब लोगों के आशियाने का सपना पूरा हुआ है।

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