आनी में स्कूल पथ पर बिजली बोर्ड कार्यालय के निकट सार्वजनिक शौचालय जर्जर हालत में।

➡️ ग्राम पंचायत आनी के क्षेत्राधिकार के वक्त से यह शौचालय रहा बरसों से उपेक्षा का शिकार।
➡️ अब नगर पंचायत आनी नहीं ले रही इसकी सुध।
➡️ इसकी मुरम्मत करने से लगभग तीस व्यापारी को होगा फायदा।
➡️महिला दुकानदारों को सबसे ज्यादा दिक्कत।
ब्यूरो रिपोर्ट आनी।
यूं तो केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। दोनों सरकारों ने इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु करोड़ो का बजट खर्च कर लिया है और अब भी ज़ारी है। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी ब्लॉक स्तर पर बीडीओ को लगाया गया।अगर आनी कस्बे में जमीनी स्तर पर "स्वच्छ भारत अभियान" की बात की जाए तो इसकी हकीकत को बयान करने और करवाने के लिए स्कूल पथ पर बिजली बोर्ड कार्यालय के निकट बरसों पहले बना सार्वजनिक शौचालय ही काफी है। इस गली में लगभग तीस-चालीस दुकानदार अपना मल मूत्र विसर्जन के लिए इस शौचालय पर निर्भर हैं। जिसमे महिला व्यापारियों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है।सूत्रों के अनुसार इस मुहल्ले के व्यापारियों ने कई बार मौखिक और लिखित रूप से पहले ग्राम पंचायत आनी के प्रतिनिधियों के और अब नगर पंचायत आनी के प्रतिनिधियों के साथ साथ बीडीओ आनी के ध्यान में इस शौचालय की मुरम्मत करने का मामला रखा। 
मगर बरसों से उपरोक्त सभी ने इस मामले की अनदेखी की है।

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