सीटू का दो दिवसीय 14वां राज्य सम्मेलन मंडी में रविवार को सम्पन हुआ।जिसमें सीटू से जुड़ी 65 यूनियनों के लगभग तीन सौ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस राज्य सम्मेलन में 55 सदस्यीय राज्य कमेटी का गठन किया गया। जिसमें विजेंद्र मैहरा को एक बार अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई। साथ ही प्रेम गौतम को महासचिव तथा अजय दुलटा को कोषाध्यक्ष चुना गया। डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर, जगत राम, रविन्द्र कुमार, सुदेश ठाकुर, भूपेंद्र सिंह, नीलम जसवाल, एन. डी. राणौट को उपाधयक्ष तथा जोगिंदर कुमार,बीना शर्मा, राजेश ठाकुर,कुलदीप डोगरा, राजेश शर्मा, केवल कुमार और अशोक कटोच को सचिव चुना गया। कार्यकारिणी के लिए दलजीत, शर्मा, रमाकांत मिश्रा, गुरनाम सिहँ, भूप सिंह भंडारी, सरचन्द ठाकुर, विजय शर्मा, सुमित्रा ठाकुर, हिम्मी देवी, सुरेंद्र कुमार, मदन नेगी, बिहारी सेवगी,रंजन शर्मा, सुरेश राठौर, मोहित वर्मा, नरेंद्र कुमार, बालक राम, गुरदास वर्मा, पदम् प्रभाकर, दलीप कुमार, विनोद विस्रन्टा,वीरेंद्र कुमार, राम प्रकाश, इंद्र सिंह, हिमिन्द्री शर्मा, बलबीर चौहान, अशसिष कुमार, विक्की, अनिल कुमार, वीना, सुदेश, प्रवीण, संतोष कुमार को चुना गया।
18 से 22 जनवरी 2023 को बैंगलोर में हो रहे राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, अजय दुलटा,बीना शर्मा, नीलम जसवाल, सुदेश, जोगिंदर, भूप सिंह, भूपेंद्र सिंह, बलबीर सिंह, सुरेश राठौर, अशोक कटोच सहित 11 प्रतिनिधि चुने गए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने जानकारी दी कि सम्मेलन में दस प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़, श्रम कानूनों में बदलावों के विरोध में,स्कीम वर्करों जिनमें आंगनबाड़ी, मिड डे मील और आशा वर्कर्स को मज़दूर का दर्जा देने बारे,श्रमिक कल्याण बोर्ड को मजबूत करने बारे, मनरेगा मज़दूरों को 350 रु. दिहाड़ी देने और उन्हें श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ जारी रखने बारे, सरकारी व निजी क्षेत्र में परिवहन मज़दूरों को संगठित करने बारे,आउटसोर्स मज़दूरों को विभागों में नियोजित करने बारे,कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने बारे और साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ तथा अनुसूचित जातियों व जनजातियों के ख़िलाफ़ हो रहे हमलों पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्ताव शामिल हैं। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 10 अक्टूबर को आंगनबाड़ी वर्कर्ज को नर्सरी टीचर भर्ती में स्थान देने के लिए प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन खण्ड व ज़िला स्तर पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा 12 अक्टूबर को मनरेगा मज़दूरों को 350 रु. मजदूरी देने तथा प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता सामग्री और सहायता राशि बन्द करने के विरोध में लेबर ऑफिस औऱ बोर्ड कार्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
सम्मेलन में चर्चा की गई कि वर्त्तमान भाजपा सरकार लगातार मनरेगा मज़दूरों के ख़िलाफ़ निर्णय ले रही है जबकि आज हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 27 लाख मज़दूर काम करते हैं। लेकिन उन्हें सरकार द्वारा न्यूनतम दिहाड़ी भी नहीं दी जा रही है। सम्मेलन के समापन में राष्ट्रीय सचिव के.एन. उमेश और डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस डबल ईंजन की सरकार के कार्यकाल में महंगाई ,बेरोजगारी और भूखमरी लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ मज़दूरों, किसानों, कर्मचारियों, युवाओं, छात्रों ,महिलाओं व दलितों की मांगों को अनसुना किया जा रहा है और केवल बड़े- बड़े पूंजीपतियों की आमदनी बढ़ाने की नीतियां लागू हो रही है। इसलिए आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए सीटू के कार्यकर्ता अभियान करेंगे और मजदूरों के हिमायती उम्मीदवारों को जिताने में सहयोग करेंगे।
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