आई.टी.आई. निरमण्ड में विगत ग्यारह वर्षों से इलेक्ट्रिशियन ट्रेड के अनुदेशक के पद का सृजन नहीं कर पाई भाजपा और कांग्रेस सरकार, तब से अब तक अस्थाई अनुदेशकों के सहारे चल रहा है यह ट्रेड ।

निरमण्ड में सन 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.) की स्थापित किया है। सन 2011में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भा.ज.पा. सरकार ने इलेक्ट्रिशियन का ट्रेड शुरू तो कर दिया; परंतु इस ट्रेड के अनुदेशक का पद सृजन करना भूल गई। वर्ष 2011से लेकर आज तक यहां नियुक्त अस्थाई अनुदेशकों के सहारे इस ट्रेड के 200 प्रशिक्षु उत्तीर्ण हो चुके हैं, जबकि 40 प्रशिक्षुओं के वर्ष 2022-23 व वर्ष 2022-24 के दो सत्र अभी चालू हैं। गौरतलब है कि 2011से आज तक यह ट्रेड अस्थाई रूप से नियुक्त अनुदेशकों के सहारे ही चल रहा है तथा सरकार आज तक यहां पर इस ट्रेड का पद सृजित नहीं कर पाई है, जिसके चलते लोगों में भारी रोष है। निरमंड क्षेत्रवासी भाग चंद कायथ, संतोष बंसल, भाग चंद ब्रामटा, अमर सिंह, हीरा बंसल इत्यादि ने सरकार द्वारा निरमंड आईटीआई में चल रहे इस ट्रेड की इस कदर उपेक्षा किए जाने को लेकर रोष व्यक्त करते हुए बताया कि इतने महत्त्वपूर्ण ट्रेड की पोस्ट सृजित न करना, प्रशिक्षणार्थीयों के साथ सरासर एक भद्दा मज़ाक है। क्षेत्र वासियों ने सरकार से शीघ्र यहां पर इलेक्ट्रिशियन ट्रेड का पद सृजन की मांग की है।

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