इस मौके पर स्कूल के प्रधानाचार्य अमर चंद चौहान ने कहा कि देश के सुरक्षा बल एवं सेना के जवान 24 घंटे सीमाओं के साथ देश को भीतरी सुरक्षा उपलब्ध करवाते हैं, जिसकी बदौलत हर देशवासी चैन की नींद सोता है। उन्होंने कहा कि हम शहीदों का कर्ज तो किसी भी कीमत पर नहीं उतार सकते, लेकिन अपनी तरफ से शहीदों के परिवारों का सम्मान व उनकी सहायता तो कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके विद्यार्थियों ने फ्लैग के बदले जो राशि भेंट की है, उसको सैनिक भलाई दफ्तर में जमा करवाया जाएगा, ताकि उस राशि से शहीद परिवारों की सहायता संभव हो सके।
इससे पहले एनसीसी फर्स्ट अफसर सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि पहला सशस्त्र सेना झंडा दिवस सात दिसंबर 1949 को मनाया गया था। उस वक्त पूरे देश से इकट्ठा हुई राशि शहीद परिवारों में बांटी गई थी। इस मौके स्कूल स्टाफ के सारे सदस्य व शिक्षक हाजिर थे। वोकेशनल शिक्षक सतीश खाची और जवाहर लाल ने सभी छात्रों को सशस्त्र सेना दिवस के झड़े वितरित किए तथा विद्यार्थियों को सेना शक्तियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।टी,सी. शर्मा ने सेना का देशसेवा सराहनीय योगदान पर प्रकाश डाला। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय के अन्य शिक्षको ने भी अपने विचार रखे । इस मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक व गैर शिक्षक उपस्थित रहे।
0 Comments