एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने शुक्रवार को दो दिवसीय वैचारिक प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की । यह वैचारिक शिविर शुक्रवार सुबह 11 बजे से विश्वविद्यालय में शुरू हुआ। जिसमें विभिन्न विभागों से आए एसएफआई के डैलीगेटस ने हिस्सा लिया तथा चर्चा परिचर्चा में भाग लिया।
इस वैचारिक प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन दो कक्षाओं का आयोजन किया गया। पहली कक्षा के अंदर हिमाचल प्रदेश एसएफआई के भूतपूर्व राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद ने दर्शन पर बात रखी। उन्होंने बताया कि दर्शन इन्सान का दुनिया को देखने का नजरिया होता है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि हम किस चश्मे से दुनिया को देखते हैं।उन्होंने इस पर बात रखते हुए कहा कि वर्तमान में यह समझना जरूरी है कि आज हिन्दूस्तान के अंदर रूढ़ीवादी व्यवस्था के चलते देश को पीछे ले जाने की कोशिश संघवाद द्वारा की जा रही है। इन ताकतों से लड़ने की लिए हमें देश दुनिया को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना होगा और तर्क के आधार पर इन ताकतों से लड़ना होगा।
दूसरी कक्षा में हिमाचल प्रदेश एसएफआई के पूर्व में राज्य अध्यक्ष रहे विजेंद्र मेहरा ने एस एफ आई के कार्यक्रम और संविधान पर बात रखी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम और संविधान किसी भी संगठन का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। साथ ही उन्होंने एस एफ आई के लक्ष्य और उद्देश्य पर विस्तार पूर्वक बात रखी। विजेंद्र मेहरा ने कहा कि एसएफआई समाज में वैज्ञानिक जनवादी धर्मनिरपेक्ष तथा प्रगतिशील शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की लड़ाई लड़ रही है तथा अपने संविधान में अंकित सबको शिक्षा सबको काम के नारे को साकार करने के लिए संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में छात्रों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है और आजादी के बाद भी जनवादी शिक्षा व्यवस्था को हासिल करने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है।
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