छः गढ़ के मालिक देवता खुडीजल महाराज डेढ़ महीने से शुकि सिओं के दौरे पर निकले हुए हैं। इस ऐतिहासिक दौरे में बहुत से ऐतिहासिक जगह पर देवता खुडीजल की पुरानी संस्कृति की कार्यवाही होती हैं। देवता खुडीजल महाराज की अपनी ही पहचान है। यहाँ की संस्कृति और देवता खुडीजल की परम्परा ही अलग है। इस दौर के दौरान देवता ने कई ऐतिहासिक जगह पर अपनी शक्तियां अर्जित की। जैसे की मंगैणि जोत में पूजा पाठ करके शक्तियां अर्जित की। इस दौरान देवता बागा सराहन, डीम,ठारवा,मगैणि जोत,डमेहली,बाली,ढौल गढ़,कुशवा,खरगा,सरघा,सुघासरपारा,दरमोट,ढरोपा, निरमण्ड,दलाश,ओलवा, माता देहुरी दुर्गा,कराणा,जैरी जाबो,कुंगश,पुएग, बिनन,चिमनी होते हुए रोपा पहुंचे।उनके दर्शन करने के लिए लोग बहुत उत्साहित थे। लोगों का ये भी कहना रहा कि अगली बार देवता 10-12 साल में अपना दौरा करता रहे। शवाड के साथ लगता मलाग भी एक ऐतिहासिक जगह है। जहाँ पर देवता जाते हैं और अपनी परम्परा का निर्वहन करते हुए पूजा पाठ करते हैं। यहाँ भी देवता को स्नान लगती है। देवता आज गांव रोपा में है। उसके बाद दिन को गांव शेहुल जाएंगे रात्रि ठहराव गांव कटाहर में होगा। उसके बाद रविवार को देवता खुडीजल महाराज ऐतिहासिक जगह मलाग (शवाड) को जाएंगे। देवता खुडीजल के कारदार शेर सिंह दीपक ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक जगह है यहाँ पर देवता खुडीजल की अपनी कार्यवाही होती हैं।यहाँ पर धाम होती है। इसलिए छः गढ़ के जितने भी देवलू और पांच गांव बालू,फनौटी,करशाला, कोलथा, ठारबी, नब्बे मज़ारे और सभी देवता खुडीजल के कारकुन इस मौके पर अवश्य आएं। देवलू डिंपल माही शर्मा ने कहा कि इस ऐतिहासिक दौरे में जो कुछ देखने को मिला देवता खुडीजल की कृपा है। शुकि सिओं के दौरे में इस बार बहुत कम लोग ऐसे थे जो पिछले दौरे में थे। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस दौरे के साक्षी बने। इस दौरान जहां- जहां भी देवता गए वहां के लोगों में जो खुशी थी वो देखते ही बनती थी। देवता खुडीजल के स्वागत के लिए लोग दूर- दूर के गाँव से चल कर आए। उन्होंने कहा हमारे लिए भी गर्व का विषय रहा के हम सभी खुडीजल की सेवा में लीन रहे। सभी गढ़ों के लोगों और पांच गाँव, नब्बे मज़ारे के सहयोग से ये दौरा सफल रहा। रविवार को देवता खुडीजल महाराज मलाग(शवाड) जा रहे हैं। यह भी हमारा सौभाग्य है कि ये सारे पल हमें देखने को मिल रहे हैं।
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