एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने वीरवार को पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ईआरपी सिस्टम के खिलाफ, यूजी परीक्षा परिणाम में हुई अनियमितताओं तथा पीजी परीक्षा परिणाम को घोषित करने में हो रही देरी के खिलाफ किया गया।
एस एफ आई. पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय के ईआरपी सिस्टम के कारण छात्रों को हो रही दिक्कतों को लेकर प्रशासन को आगाह करता आ रही है। ईआरपी सिस्टम के कारण ही यूजी के परीक्षा परिणाम में अनेक अनियमितताएं देखने को मिलती है साथ ही परीक्षा परिणाम घोषित होने में भी बहुत अधिक समय लग रहा है जिससे प्रदेश भर के छात्रों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । एक तरफ तो इस सिस्टम को लाने के पिछे यह तर्क दिया जा रहा था कि इससे कम खर्च में अच्छी सेवाएं प्रदान की जाएगी परन्तु आज हम देखते हैं कि इस पर सालाना लगभग 9 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
जिससे छात्रों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और इस सिस्टम की खामियों के कारण छात्रों को मानसिक कष्ट को भी सहना पड़ रहा है।
विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई उपाध्यक्ष कुलदीप ने कहा कि पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने यूजी प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित किया था जिसमें लगभग 80 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया। जब एस एफ आई ने प्रदेश भर में आंदोलन किए तो प्रशासन ने पेपरों की रिचेकिंग शुरू की परंतु अभी तक उसका परिणाम घोषित नहीं किया।
इसके साथ ही कुलदीप ने कहा कि पीजी की परिक्षाओं को हुए लगभग 4 महीने हो गए हैं और अगले सेमेस्टर की परिक्षाएं होने को है परन्तु प्रशासन के नकारेपन का यह आलम है कि अभी तक उन परिक्षाओं के परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं। प्रशासन प्रदेश भर के हजारों छात्रों के भविष्य को अधर में लटकाए हुए है ।
विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई अध्यक्ष हरीश ने कहा कि छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ विश्वविद्यालय तथा प्रदेश भर में एस एफ आई ने अनेक आंदोलन लड़े । इसका परिणाम यह हुआ कि पिछली भाजपा सरकार को छात्रों के इस रोश का सामना चुनावों में भी करना पड़ा।
हरीश ने कहा कि प्रशासन अभी भी छात्र विरोधी नीतियां बनाने से बाज नहीं आ रहा है। हॉस्टल को खाली करने के फरमान जारी किए जा रहे हैं तथा अभी भी प्रशासन छात्रों की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए कोई विशेष कदम उठाता नजर नहीं आ रहा । दिसंबर का महीना खत्म होने को है परंतु अभी भी लाइब्रेरी के अंदर हीटर की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन के इस नकारात्मक रवैये को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि छात्रों की इन सभी समस्याओं को हल करने की ओर प्रशासन जल्द से जल्द कोई सकारात्मक कदम उठाता नहीं दिखा तो एस एफ आई आने वाले समय में सभी छात्रों को लामबंद करते हुए उग्र आंदोलन करेगी जिसका जिम्मेवार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा ।
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