फलों का राजा आम के साथ लीची, किन्नू, गलगल तथा नींबू की पैदावार के लिए मशहूर नूरपुर को अब बागवानी विभाग के प्रयासों तथा बागवानों की मेहनत से अमरूद की खेती से नई पहचान मिलेगी। विकास खण्ड नूरपुर के तहत पन्द्रेहड़ तथा लोहारपुरा पंचायतों में बागवानी विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत अमरूद की दो उन्नत किस्मों के 3334 पौधे लखनऊ से मंगवा कर बागवानों को उपलब्ध करवाए गए हैं । दोनों पंचायतों में बागवानों को अमरूद की वीएनआर तथा श्वेता किस्में 26-26 कनाल भूमि पर लगाकर नया और सफल प्रयोग किया है। जिसमें चार-चार बागवानों को बागवानी गतिविधियों से जोड़कर दो क्लस्टर बनाकर अमरूद के बगीचे तैयार किए गए हैं।
दोनों बगीचों की सोलर बाड़बंदी करने के साथ-साथ सिंचाई के लिए चेकडैम से लेकर एक-एक लाख लीटर के भंडारण टैंक तक पानी की सुविधा उपलब्ध हैं। जहां से हर पौधे तक दो-दो ड्रिप लगाकर सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इस बगीचे में दूसरे वर्ष में पैदावार शुरू हो गई है लेकिन पौधों के विकास एवम बेहतर फसल को ध्यान में रखते हुए फलों को तोड़ दिया गया है। इन बगीचों को पूरी तरह से आर्गेनिक तरीके से तैयार किया गया हैं । जहां बागवानों को इससे साल में दो फसलें मिलेंगी वहीं वीएनआर किस्म से 300 से एक किलोग्राम जबकि श्वेता किस्म से 250 से 350 ग्राम साइज का अमरूद पैदा होगा। पांच वर्ष के बाद पौधे के पूरी तरह तैयार हो जाने पर हर बागवान को साल में एक कनाल से औसतन 50 हज़ार रुपए तक आमदन होगी। विशेषकर ऑफ सीजन फसल यानि नवंबर से जनवरी के बीच बागवानों को बाजार में अच्छे दाम मिलने से काफी फायदा होगा। बागवानी विभाग के ऐसे प्रयास से जहां अन्य लोगों को बागवानी गतिविधियों से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी वहीं क्षेत्र को नई पहचान मिलने के साथ बागवान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खु किसानों-बागवानों तथा पशुपालकों की आय को बढ़ाने के साथ युवाओं को इन व्यवसायों से जोड़ने के प्रति प्रयासरत हैं ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ आर्थिक तौर से मजबूत बनाया जा सके।
एक साथ दो फसलें ऊगानें से होगा डबल मुनाफा।
पन्द्रेहड़ पंचायत के बागवान हरबंस सिंह का कहना है कि बागवानी विभाग की प्रेरणा व सहयोग से अमरूद के बगीचे को लगाया है। विभाग के अधिकारी समय-समय पर बगीचे में आकर बागवानों को सभी तकनीकी जानकारियां उपलब्ध करवाते हैं। रेज्ड बेड पर जो अमरूद के पौधे लगाए है उसके साथ खाली भूमि पर सरसों, मटर, प्याज तथा लहसुन उगाया गया है जिसकी अच्छी फसल ऊगी है । इसकी खेती से भी हमें आने वाले समय में काफी फायदा होगा।
क्या कहते है विभागीय अधिकारी।
बागबानी विभाग के विषय वाद विशेषज्ञ डॉ हितेंद्र पटियाल का कहना है कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत बागवानों को 75:25 स्कीम की मदद से अमरूद का बगीचा तैयार किया गया है। विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बगीचे में जाकर बागवानों को पौधों की देखभाल करने सम्बन्धी तकनीकी परामर्श भी दिया जाता है। माननीय बागवानी मंत्री श्री जगत सिंह नेगी ने भी नूरपुर प्रवास के दौरान बगीचे का भ्रमण कर विभाग तथा बागवानों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने बागवानी गतिविधियों को बढ़ाने के साथ अन्य लोगों को भी बागवानी से जुड़ने के प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।
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