जानकारी के अनुसार शिवम, नीतू और भोलू कुमार सगे भाई-बहन थे। बणे दी हट्टी में उनके माता पिता करीब 25 साल से झुग्गी में रहते हैं। उनके परिवार की दो झुग्गियां हैं। बुधवार रात को तीनों बच्चे पढ़ाई करने के लिए सरकंडों से बनी झुग्गी में चले गए। दूसरी झुग्गी में माता-पिता सोने चले गए। जिस झुग्गी में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे वहां पर उनके मामा का बेटा सोनू कुमार भी सोने आ गया।
सोनू के माता-पिता किसी काम से बिहार के दरभंगा गए हैं। बुधवार देर रात करीब 11:00 बजे झुग्गी में अचानक आग लग गई। सरकंडों की झुग्गी में आग इतनी तेजी से फैली कि बच्चों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला। धुएं के बीच किसी को बाहर निकलने का रास्ता भी नहीं मिला और चारों की जलकर अंदर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर फायर स्टेशन अंब से फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन उससे पहले ही चारों बच्चों की मौत हो चुकी थी।
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