हिमाचल और पंजाब की सीमा पर स्थित एक रसायनिक(PCL) उद्योग है।
ये उद्योग पहले पंजाब सरकार पंजाब एल्कलीज केमिकल लिमिटेड (PACL) के नाम से चलाती थी, लेकिन पिछली कोंग्रेस सरकार ने इस उद्योग को निजी हाथो में बेच दिया। अब ये उद्योग प्रोमो केमिकल लिमिटेड (PCL) के नाम से चल रहा है और इसमें कास्टिक सोडा ,एचसीएल हाईडरो क्लोरिक, क्लोरिन गैस,सोडियम क्लोराइड जैसे रसायन बनते और इस्तेमाल किए जाते है।लेकिन इस उद्योग से निकलने वाले केमिकल वेस्टेज से स्थानीय लोगो की ज़मीन बंजर बनने की कगार पर पहुँच गई है। केमिकल उद्योग अपनी बेस्टेज को ट्रीटमेंट प्लांट में न डाल कर पिट में छोड़ रहा है जिससे भूजल प्रदूषित हो चुका है ,कुछ लोगो का कहना है कि शायद इस उद्योग ने रिवर्स ड्रैनिंग के जरिए कामिकल बेस्टेज को सीधा भूजल में मिला दिया है।
अब इस क्षेत्र का भूजल पीने लायक नही रहा है और न ही सिंचाई के काम आ रहा है क्योंकि उसमे भारी मात्रा में कैमिकल घुल चूका है, इस पानी से सिंचाई करने से फ़सल खराब हो जाती है और पीने लायक तो ये पानी बिलकुल भी नहीं रहा है। इसके अतिरिक्त अक्सर इस उद्योग से गैस लीक होती रहती है जिससे फसल तो खराब होती ही है स्थानीय लोगो की सेहत भी ख़राब हो जाती है।
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