इस मौके पर उप परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, राकेश धीमान, तकनीकी प्रबंधक नेहा शर्मा, घनश्याम, रुचिका, शानू, अंकिता और पूजा आदि ने प्राकृतिक खेती और पारंपरिक मोटे अनाज जैसे-मंढल-कोदरा, कंगनी, चौलाई-स्यूल, कुटु, कुटकी, सांवा आदि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों को प्राकृतिक तरीके से पोषक अनाजों की खेती के लिए जागरुक किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 को अंर्तराष्ट्रीय मिलेट्स (मोटा अनाज) वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और जी-20 साइड इवेंट्स की कड़ी में आयोजित किए जा रहे ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास कार्यक्रम’ के तहत इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान कमल लखनपाल ने भी अपने विचार साझा किए।
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