बैठक में उपायुक्त डीसी राणा ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत किए जा रहे प्रमुख कार्यों के तहत प्रगति की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम के पारदर्शी मापदंडों के आधार पर नागरिकों की गरीबी, अपेक्षाकृत कमजोर पोषण, शिक्षा की स्थिति तथा अपर्याप्त आधारभूत संरचना की दृष्टि से भविष्य में आने वाली विभिन्न प्रकार की चुनौतियों को शामिल करके तैयार किए गए मिश्रित मानक बिंदुओं के आधार पर जिला में कार्य व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जा रही है ।
जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन, अधोसंरचना विकास, वित्तीय समावेश एवं कौशल विकास आदि में निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्य प्रगति पर है । जिले को 6 बार अलग-अलग मानकों में उच्च रैंकिंग हासिल हुई है । इसके साथ नीति आयोग द्वारा जिला में उत्कृष्ट कार्यो के दृष्टिगत 11 करोड़ बतौर प्रोत्साहन स्वरूप प्राप्त हुए हैं ।
उन्होंने बताया कि वित्तीय समावेश एवं कौशल विकास से संबंधित कार्यों में विशेष प्राथमिकता रखी जा रही है। नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं और सेब के उच्च घनत्व पौधारोपण पर विशेष अधिमान दिया जा रहा है।
बैठक में चर्चा के दौरान नीति आयोग के अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के प्रति विशेष आकर्षण युक्त बनाने का सुझाव दिया ।
नीति आयोग के अधिकारियों ने जिला में संस्थागत प्रसव और महिलाओं व बच्चों में कुपोषण के खात्मे को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की । उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए विद्यालयों का निरीक्षण करने को भी कहा । उन्होंने विभिन्न विभागों से संबंधित इन्डीकेटर्स पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए ।
बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा अर्जित प्रगति का बिंदुवार ब्यौरा भी रखा ।
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