विश्व की सबसे ऊंची स्नो मैराथन का सिस्सु में हुआ सफल आयोजन, 252 धावकों ने मैराथन लिया भाग।

रीच इंडिया तथा लाहौल और स्पीति जिला प्रशासन द्वारा 10,000 फीट पर आयोजित की गई विश्व की सबसे ऊची स्नो मैराथन - दूसरी ‘स्नो मैराथन लाहौल’ का सफल आयोजन सिस्सू में हुआ। यह मैराथन चार कैटेगरियों - फुल मैराथन (42 किलोमीटर), हाफ मैराथन (21 किलोमीटर), दस किलोमीटर और पांच किलोमीटर में आयोजित की गई जिसमें देश भर से लगभग 252 धावकों ने भाग लिया।

42 किलोमीटर (फुल मैराथन) में विकेश ने बाजी मारी जिन्होंनें 3 घंटे 35 मिनट में मैराथन पूरी की जबकि 3 घंटे 38 मिनट के साथ कुशल को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।  लड़कियों के वर्ग में स्पीति की तेनजिन डोल्मा ने बाजी मारी जिन्होंनें  4 घंटे और 3 मिनट में अपनी मैराथन पूरी की ।  21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में अनीश चंदेल ने पहला स्थान प्राप्त किया जबकि पवन को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। महिला वर्ग में कुल्लू की पलक ठाकुर ने हाफ मैराथन का खिताब अपने नाम किया।दस किलोमीटर वर्ग मे मण्डी के रुस्तम ने दौड अपने नाम की जबकि महिला श्रेणी में सन्ना ने दौड जीती।

लाहौल के उपायुक्त कार्यालय के प्रतिनिधि रोहित  ने रीच इंडिया के सीईओ राजीव कुमार, आयोजक गौरव शिमर, इवेंट एग्जीक्यूशन हैड राजेश चंद और चीफ एडवाईजर कर्नल नटराजन की उपस्थिति में विजेताओं को सम्मानित किया। विजेताओं को गार्मिन इंडिया द्वारा से सम्मानित किया गया। देश भर से लगभग 252 धावक चार विभिन्न श्रेणियों में इस वार्षिक मैराथन के लिए जुटे थे। सैन्य कर्मियों विशेषकर नौ सेना और भारतीय सेना की इस बार व्यापक भागीदारी देखने को मिली।

मैराथन में हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, नार्थ ईस्ट सहित दक्षिण भारत के धावकों का कड़ा मुकाबला देखने को मिला।  गौरव शिमर के अनुसार गत वर्ष लगभग 125 धावकों ने भाग लिया था जो कि इस बार लगभग दोगुनी होकर 252 हो गई । मैराथन के दौरान मोहाली स्थित फोर्टिस हस्पताल की डाक्टरी टीम ने 42 किलोमीटर के मैराथन रुट पर धावकों के साथ किसी भी अप्रिय घटना की निपटने के लिए मेडिकल सेवायें प्रदान की।
कार्यक्रम को बाॅन, इंडोफिल और फास्टन अप का समर्थन प्राप्त था।

इवेंट एग्जीक्यूशन हैड राजेश चंद ने बताया कि रुट को बनाने में काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ता है तथा उनकी तीस स्थानीय लोगों की टीम ने मुश्किलों का सामना करते हुये गत दिनों हुये भारी हिमपात में रुट को बनाया।

राजीव कुमार ने बताया कि भारी उत्साह के बीच आयोजन सफल रहा। उन्होंनें उम्मीद जताई की ऐसे आयोजन न केवल लाहौल घाटी में पर्यटन को बढ़ावा दे रही है बल्कि जिले को एडवेंचर स्पोटर््स के मानचित्र में स्थापित करेगा।

विश्व की पहली कुत्तों की रेस - स्नो टेल्स भी आयोजित 14 कुत्तों ने अपने मालिकों सहित भाग लिया।
सिस्सू,  स्नो मैराथन लाहौल के साथ ही विश्व की पहली डाॅग्स रेस का आयोजन भी किया गया। आयोजन को आयोजित करने का उद्देश्य पालतू पशुओं विशेषकर कुत्तों और उनके मालिकों के बीच उनके परस्पर प्रेम को और अधिक मजबूती प्रदान करवाना था। मनाली में आवारा पशुओं के उत्थान के लिए प्रयासरत एनजीओ - ‘मनाली स्ट्रेज’ द्वारा आयोजित इस पहले आयोजन - स्नो टेल्स में 14 कुत्तों ने अपने मालिकों सहित भाग लिया। गौरव शिमर के अनुसार पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने काफी रुचि दिखाई। उनका उद्देश्य इसे स्नो मैराथन के साथ वार्षिक आयोजन बनाना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से एकत्रित की गई धनराशि को मनाली के आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए लगाया जाएगा। फ्रागी ने अपने मालिक सौरव के साथ बाजी मारी जबकि चिंकी और उसके मालिक विनया को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। लियो के मालिक वेदराज ने तीसरा स्थान हासिल किया ।

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