जिला कुल्लू और शिमला के चयनित ग्रामों में शुरू हुई सतत कृषि एवं विकास परियोजना।

शिव शिक्षा समिति रानोली,टोंक राजस्थान एवं आर.एम.एस.आई. प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिले के चयनित प्रत्येक गांवों में 600 किसानों के साथ सतत कृषि एवं विकास परियोजना चलाई जा रही है। जिसमे परियोजना का मुख्य उदेश्य किसानों की फसल पैदावार में बढ़ोतरी करना है। परियोजना द्वारा वर्तमान कृषि पद्दति की जानकारी लेना, किसानों का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन डाटा लिया जा रहा है। समय-समय पर किसानों को विभिन्न माध्यमो जैसे किसान बैठक, ट्रेनिंग एवं भ्रमण से कृषि सम्बन्धित परामर्श दिया जा रहा है।
इसके लिए कुल्लू जिले के गावो में कृषि मित्र गुरध्यान सिंह के माध्यम से गावो में कृषि विशेषज्ञ द्वारा किसानों के साथ बैठकों का आयोजन किया जा रहा है एवं सेब की फसल की फोटो ग्राफी एवं जियो टेंगिंग की जा रही है। 
इसी के तहत रविवार को निरमण्ड खण्ड के रेमो गाव में किसान बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे कृषि एक्सपर्ट लोकेश सैनी, रामकल्याण जाट मुकेश कुमार जाट और राहुल गजरा द्वारा किसानो की बैठक ली गई। उन्होंने बताया कि किसानों की फसल बुआई से पूर्व अपने खेत की मिटटी जाँच करवानी चाहिए। सेब के पौधे लगाने से पूर्व पौधे का कीट नाशक नियंत्रण करना चाहिए। फसल में पड़ने वाले पाला एवं आपदा से बचने के बारे में जानकारी दी तथा सेब की फसल में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग का उपचार एवं दवाईयों की जानकारी एवं उपयोग के बारे में बताया गया। बैठक में 30 किसानों ने भाग लिया।

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