अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के इकाई मंत्री ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 17 मार्च 2023 क़ो जारी किया गया बजट हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एवं समूचे प्रदेश के लिए निराशाजनक रहा।
इकाई मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अनुदान में वर्तमान सरकार ने अपने पहले बजट में सिर्फ पांच फीसदी की बढ़ोतरी की है।इससे वि.वि.अपने करीब 2000 शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के वेतन की देनदारियां तक पूरा नहीं कर पाएगा। विश्वविद्यालय ने प्रदेश सरकार से कर्मचारियों के लिए लागू किए गए नए वेतनमान और यूजीसी स्केल से बढ़ने वाली वेतन की देनदारियों का भुगतान करने की खातिर अनुदान बढ़ाने की मांग की थी। सरकार में वित्त वर्ष 2023- 24 के लिए जारी किए अपने बजट में विश्वविद्यालय का सहायक अनुदान 152 करोड़ रखा है, जबकि वि.वि. प्रबंधन ने करीब 210 करोड़ की मांग की थी। वि.वि. प्रबंधन का दावा है कि 186 करोड रुपए वेतन भुगतान पर खर्च हो जाएंगे।
इंद्र नेगी ने कहा कि विवि में नए भवन का निर्माण तो दूर बिना बजट के मौजूदा भवनों की मुरम्मत करना भी संभव नहीं है।पहले से वित्तीय संकट से जूझ रहे विवि को प्रदेश सरकार के बजट से बड़ी राहत मिलने की आस थी। लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ। एचपीयू की आर्थिक स्थिति से साफ है कि सरकार द्वारा विवि के अनुरूप अनुदान न बढ़ाने के कारण विवि क़ो अपने कर्मचारियों क़ो वेतन तक प्रदान करना मुश्किल हो जाएगा। विवि को नई भर्तियां और विकासात्मक गतिविधियों के लिए सरकार से अतिरिक्त अनुदान बढ़ोतरी की मांग उठानी होगी तभी सालभर के रूटीन खर्चे पूरे हो पाएंगे। विवि के अपने सीमित साधनों को देखते हुए नए भवनों के निर्माण,कैंपस विस्तारीकरण तथा पुराने भवनों की मुरम्मत तक को विवि पूरी तरह से सरकार के अनुदान सहायता पर आश्रित रहेगा।
सरकार प्रदान करे अतिरिक्त अनुदान
इंद्र ने कहा कि माना कि सरकार ने विवि के वार्षिक अनुदान सहायता में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की है लेकिन जिस तरह से पहले भी प्रदेश की सत्तासीन सरकारें विवि को अतिरिक्त आर्थिक सहयोग देती रहीं हैं उसी प्रकार वर्तमान कांग्रेस सरकार इस बार भी विवि क़ो अतिरिक्त अनुदान प्रदान करे ताकि भविष्य में विवि प्रशासन क़ो किसी प्रकार के विकासात्मक कार्यों में परेशानी का सामना न करना पड़े।
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