महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश भर में 20 मार्च 2023 से 3 अप्रैल 2023 तक पांचवां पोषण पखवाड़ा मना रहा है ।पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य, जन आंदोलन और जन भागीदारी के माध्यम से पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और खाने की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना है।
इसी कड़ी में शनिवार को बाल विकास परियोजना वृत आनी के आंगनवाड़ी केंद्र खोबड़ा में पोषण पखवाड़े के तहत पारम्परिक व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस दौरान आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र शवाड से आए डा.ललित ठाकुर और ने महिलाओं व किशोरियों को मोटे अनाज जैसे जवार, बाजरा, रागी, कोदा , कंगनी आदि
के फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भावस्था एवं धात्री काल में अच्छा पोषण माता एवं बच्चे दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि के दौरान मां को पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता रहती है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान महिलाओं को उपयुक्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा की आवश्यकता रहती है, लेकिन प्राय: यह देखने में आया है कि महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है। ऐसी अवस्था में मोटे अनाज महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हैं, क्योंकि इनमें कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, पोटाशियम, विटामिन बी-6, विटामिन बी-3 तथा फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं।
उन्होंने गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को नियमित रूप से अपने नजदीकी स्वास्थथ केंद्र में जाकर स्वास्थय जांच करवाने को कहा। साथ ही उन्होंने 'वो दिन' योजना' के बारे मे भी महिलाओं और किशोरियो को जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि महामारी के समय खान-पान व सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा आईरन युक्त आहार भरपूर मात्रा में ग्रहण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महिलाओ और किशोरियों को महामारी के दौरान स्वच्छता, नैपकिन पैड के उपयोग व निपटान बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा ने डा. ललित और उनके सहयोगी बहादुर सिंह महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए धन्यवाद किया।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा, सहायिका सुषमा, डॉ. ललित ठाकुर, आयुर्वेदिक फरमासिस्ट बहादुर सिंह सीआरपी प्रवीणलता, ममता शर्मा,राधा, सरोज, जिन्नत, लालिमा रावत, साहिल, कुशाल, अतिश सक्सेना, प्रभ, मन्नत,रुत्विक शर्मा, ध्रुव बंटी मौजूद रहे।
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