राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सचिव अलका तिवारी ने मंगलवार को जिला किन्नौर के रिकांग पिओ में जिला प्रशासन व अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जिले में अनुसूचित जनजाति लोगों के कल्याण तथा विकास के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में सचिव को अवगत करवाया गया की जिला की कुल आबादी 84,121 है, जिसमे से 80 प्रतिशत आबादी जनजातीय व्यक्तियों की है। जिले में जनजातीय क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने व शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कानम में 30 की क्षमता और ठाकुर सेन नेगी राजकीय डिग्री महाविद्यालय में 60 की क्षमता वाले छात्र आवास उपलब्ध हैं।
जिला किन्नौर के अनुसूचित जनजाति के 225 विद्यार्थियों को वर्ष 2021-22 में 6,75,000 रूपए वितरित कर पूर्व मैट्रिकुलेशन छात्रवृति दी गई और वर्ष 2021-22 में 145 विद्यार्थियों को 54,270 रूपए वितरित कर पोस्ट मैट्रिकुलेशन छात्रवृति दी गई।
जिला किन्नौर के अनुसूचित जनजाति लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति वित्त निगम द्वारा हस्त-शिल्प विकास योजना, सेल्फ एम्प्लॉयमेंट स्कीम, इंटरेस्ट फ्री स्टडी ऋण, हिमस्वावलंबन योजना इत्यादि क्रियान्वित की जा रही है।
जिला किन्नौर में वित्त वर्ष 2016 से 2021 तक प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 266 आवास निर्माण और वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2022-23 तक मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 60 आवास निर्माण किए जा चुके हैं। जिले में 73 पंचायतों में से 67 पंचायतों में बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के माध्यम से राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बैठक में सचिव ने सभी पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का कार्य अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाना है व उनके हितों को सुरक्षित रखना है। इसके अतरिक्त आयोग अनुसूचित जनजाति के लोगों की सामाजिक आर्थिक विकास के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर तोरूल एस रवीश, उपनिदेशक एनसीएसटी एस.पी मीणा, अन्वेक्षण अधिकारी एनसीएसटी आर.एम मिश्रा, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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