बिजली प्रोजेक्ट लोगों की समस्याओं का नियमों के तहत समाधान करें:जगत सिंह नेगी

राजस्व, बागवानी एवं जनजातिय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि किन्नौर में चल रहे तथा निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना प्रबंधक स्थानीय लोगों की समस्याओं का नियमों के तहत समाधान करना सुनिश्चित बनाएं। साथ ही सभी बिजली परियोजना प्रबंधन को सौहार्दपूर्ण तरीके से स्थानीय एवं प्रभावित ग्राम पंचायतों की समस्त समस्याओं के व्यापक समाधान एवं समयबद्ध निपटारे के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य करने को भी कहा। जगत सिंह नेगी वीरवार को आईटीडीपी सभागार में स्थानीय क्षेत्र विकास समिति (लाडा) बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान लाडा की बैठकें न केवल अनियमित रहीं बल्कि इस दौरान मात्र दो से तीन बैठकें ही हो पाई। उन्होंने कहा कि अब वर्तमान सरकार के दौरान जहां लाडा की बैठकें प्रत्येक तीन माह में आयोजित की जाएंगी तो वहीं स्थानीय लोगों एवं प्रभावित पंचायतों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का कार्य भी किया जाएगा। उन्होने कहा कि लाडा की वित्तीय शक्तियों को माननीय उच्च न्यायालय ने एक मामले के तहत सीमित किया है। इस बारे भी प्रदेश सरकार लाडा की वित्तीय शक्तियों को पुनः बहाल करने बारे मामले को उच्च न्यायालय में उठाया जाएगा।
जगत सिंह नेगी ने सभी बिजली प्रोजेक्ट प्रबंधकों को प्रभावित ग्राम पंचायतों के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल बनाते हुए सभी विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए नियमों के तहत समयबद्ध पूर्ण करने को भी कहा। उन्होने कहा कि लाडा के माध्यम से प्रभावित पंचायतों को मिलने वाले हिस्से को उन्हे उपलब्ध करवाया जाएगा तथा इस संबंध में संपूर्ण जानकारी को संबंधित पंचायतों के साथ भी साझा किया जाएगा। साथ ही लाडा के माध्यम से पंचायतों में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों की संपूर्ण कार्यों की सूची भी साझा की जाएगी ताकि पूरी जानकारी पंचायतों के पास उपलब्ध रहे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को लाडा की वेबसाइट निर्मित करने के भी निर्देश दिए ताकि पूरी जानकारी डिजिटल माध्यम से लोगों के पास उपलब्ध रहे।
उन्होने सभी बिजली प्रोजेक्ट प्रबंधकों को लाडा में एलएडीएफ की राशि को नियमों के तहत जमा करने को भी कहा। इस संबंध में देरी होने पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से वसूल किया जाएगा। सभी बिजली प्रोजेक्ट प्रबंधकों को परियोजना की संशोधित लागत में हुई वृद्धि की राशि भी लाडा निधि में जमा करवाने के निर्देश दिए। साथ ही सभी बिजली प्रोजेक्ट प्रबंधकों से लाडा की देय धनराशि को समयबद्ध जमा करने को भी कहा कि ताकि प्रभावित पंचायतों में विकास कार्यों को गति प्रदान की जा सके।
राजस्व एवं बागवानी मंत्री ने कहा कि लाडा के तहत होने वाले सभी विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए लाडा में जरूरत अनुसार नए पदों का सृजन कर इन्हे प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। उन्हांेने सभी बिजली प्रबंधन को स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता प्रदान करने के भी निर्देश दिए। साथ ही कामगारों को श्रम नियमों के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने को भी कहा। उन्होंने इस संबंध में श्रम विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर बिजली प्रोजेक्टों का निरीक्षण कर कामगारों को मिलने वाले मेहनताना एवं सुविधाएं की जानकारी लेने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने सभी बिजली प्रोजेक्ट प्रबंधकों को नियमों के तहत नदी में 15 प्रतिशत जल छोड़ने को भी कहा ताकि पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोका जा सके। साथ ही डैम से लेकर पावर हाउस के बीच 2 से 3 किलोमीटर के अंतराल में छोटे-छोटे तालाब भी निर्मित करने के निर्देश दिए।
बैठक में एलएडीएफ की बकाया राशि के अतिरिक्त वन संपदा एवं वन अधिकार, कृषि एवं बागवानी फसलों को हुए नुकसान, कैट प्लान के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को मुआवजा इत्यादि विषयों पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ। बैठक में करछम-वांगतू, शौंगठोंग, काशंग, टिडोंग, शोरंग सहित अन्य मध्यम एवं छोटे बिजली प्रोजेक्ट के प्रबंधकों ने भाग लिया। साथ ही बिजली प्रोजेक्ट से प्रभावित पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया तथा अपनी विभिन्न समस्याओं को भी रखा तथा राजस्व व बागवानी मंत्री ने सभी समस्याओं को समयबद्ध निपटारे के निर्देश दिए।
स्थानीय क्षेत्र विकास समिति (लाडा) के सदस्य सचिव एवं एसडीएम कल्पा डाॅ (मेजर) शशांक गुप्ता ने बैठक का संचालन किया।
बैठक में उपायुक्त तोरूल एस रवीश, डीएफओ अरविंद कुमार, एसडीएम निचार बिमला वर्मा, उपाध्यक्ष जिला परिषद प्रिया नेगी सहित विभिन्न बिजली प्रोजेक्ट के प्रबंधकों एवं प्रभावित पंचायतों के पंचायत प्रधान तथा समिति के अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu