जहां प्रदेश सरकार को शराब की बिक्री से सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है; वहीं शराब ठेकों में बोतलों में खैनी,गुटका और नशीली दवाएं मिलाकर मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बताया जा रहा है कि तहसील आनी व निरमण्ड और उप तहसील निथर के अतंर्गत कुछेक शराब के ठेकों में मिलावट करने का धंधा ज़ोरों पर फल फूल रहा है। इतना ही नहीं शराब की बोतल, आधिया,पौवा अधिकतम खुरदरा मूल्य (एम.आर.पी.) से ज्यादा मूल्य पर बेचा जा रहा है। सत्ता में अच्छी राजनैतिक पैठ होने के कारण इनके हौसले बुलन्द है। शासन प्रशासन का कोई डर नहीं है।
शमेशा गांव निवासी ख्याले राम शर्मा ने ए.बी.डी. न्यूज़ को ब्यान दिया है कि आनी कस्बे में पुराने बस अड्डे पर और ट्रक यूनियन के साथ लगते शराब के ठेकों में देसी और अंग्रेज़ी शराब अधिकतम खुरदरा मूल्य (M.R.P.) से अधिक मूल्य पर बेची जा रही है और शराब में मिलावट भी की जा रही है। बीते रोज़ उन्हें ₹250 में एक बोतल बेची गई।जिस पर एम.आर.पी.₹235 लगा था।
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