परिवहन विभाग ने एचआरटीसी की 167 बसों की आरसी रद्द कर दी है। अब यह बसें सडक़ों पर नहीं चलेगी। भारत सरकार ने सरकारी वाहनों को लेकर एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार जो डीजल वाहन 15 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं। वह वाहन अब सडक़ों पर नहीं चलेंगे। अप्रैल माह से यह आदेश हिमाचल प्रदेश में भी लागू हो गया है। ऐसे में पहले ही चरण में एचआरटीसी की 167 बसों की आरसी रद्द हो गई है। ऐसे में एचआरटीसी के बेड़े में 167 बसें कम हो गई है। हालांकि इनकी कमी को पूरा करने के लिए एचआरटीसी ने 125 नई डीजल बसों की खरीद की हैं।
75 छोटी इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जल्द ही इन बसों की भी खरीद कर ली जाएगी। इसके अलावा 225 बड़ी बसों की खरीदने की तैयारी भी चल रही है। इन बसों को चलाने के लिए एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा रूट चिहिन्त किए जा रहे हैं। रूट चिहिन्त होने पर इन बसों को खरीदने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। एचआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में 167 बसों की आरसी रद्द हुई हैं। आने वाले समय में जिन बसों की अवधि 15 वर्ष की हो जाएगी, उनकी आरसी ऑटोमेटिक ही बंद हो जाएगी। परिवहन विभाग की ओर से उनकी आरसी को रिन्यू नहीं किया जाएगा। एचआरटीसी के बेड़े अभी तक कुल 3132 बसें थी। यह बसें प्रदेशभर में 3719 रूटों पर चल रही है। ऐसे में अब 167 बसों की आरसी रद्द होने से एचआरटीसी के बेड़े में 2967 रह गई है।
हिमाचल सरकार अब डीजल वाहनों पर फोकस कर रही है। एक ओर जहां परिवहन विभाग की सभी डीजल गाडिय़ों को इलेक्ट्रिक गाडिय़ों में तबदील कर दिया है। वहीं अन्य विभागों की गाडिय़ां भी इलेक्ट्रिक वाहनों में तबदील की जाएगी। इसके अलावा एचआरटीसी के बेड़े में भी अब इलेक्ट्रिक गाडिय़ों बसों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
प्रदेश के अन्य विभाग में भी सरकारी गाडिय़ों की आरसी रद्द होगी। अधिकारियों का कहना है कि जिन डीजल गाडिय़ों की अवधि पूरी हो चुकी हैं, उन डीजल वाहनों की आरसी रिन्यू नहीं होगी। वह वाहन चलने योग्य नहीं होंगे। ऐसे में उन वाहनों को सडक़ों से हटाया जाएगा। पूरे प्रदेश में छह से सात हजार के करीब सरकारी वाहन है।
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