तकनीकी शिक्षा पर इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां में दो दिवसीय राज्य स्तरीय अधिवेशन का आगाज।

कांगड़ा जिले के राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां में सोमवार को तकनीकी शिक्षा पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय अधिवेशन शुरू हुआ। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने अधिवेशन का शुभारंभ किया। इस अधिवेशन में देशभर के शिक्षाविद, तकनीकी शिक्षा विशेषज्ञ तथा विभागीय अधिकारी ‘हिमाचल प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में सुधार- विजन टू एक्शन’ विषय पर मंथन के लिए जुटे हैं।
इस अवसर पर डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा संस्थानों में लैब सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण तथा विस्तार किया जा रहा है। सरकार का ध्येय है कि तकनीकी शिक्षा पाने वाला प्रत्येक युवा कौशल उन्नयन से आत्मनिर्भर बने। कोर्स पूरा करते ही अपने स्किल के बूते उसे रोजगार मिले या वे अपनी पसंद के मुताबिक स्वरोजगार खड़ा करने में पूर्ण सक्षम हो।
उन्होंने कहा कि यह आज के समय की मांग है कि युवा औद्योगिक क्षेत्र की जरूरत के अनुसार पहले से ही तैयार तथा प्रशिक्षित हों। युवा शक्ति इस प्रकार स्किल्ड हो कि वे बाजार की मांग को पूरा कर सकें। इस दृष्टि से बाजार की मांग व आवश्यकता के अनुरूप युवाओं के लिए प्रशिक्षण के नए ट्रेड आरंभ करने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सुधारात्मक कदम तथा भविष्य की तैयारी की दृष्टि से यह अधिवेशन बेहद उपयोगी पहल है। यह पहली दफा है जब प्रदेश में इस प्रकार का अधिवेशन हो रहा है। इससे आगे की राह प्रशस्त होगी।
इस अवसर पर विशेष सचिव, तकनीकी शिक्षा शुभ करण सिंह ने अधिवेशन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक विवेक चंदेल शिक्षा सचिव तथा उपस्थित समस्त मेहमानों का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। राजीव गांधी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां के निदेशक एवं प्रधानाचार्य प्रो. दीपक बंसल ने अधिवेशन में भाग लेने के लिए सभी शिक्षाविदों का आभार जताया।
शिक्षाविदों-विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
अधिवेशन के पहले दिन विभिन्न सत्रों में देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे। आई.आई.एम. सिरमौर के निदेशक प्रो. प्रफुल्ल अग्निहोत्री ने स्टार्टअप, उद्यमशीलता और नवाचार की संस्कृति पर अपना व्याख्यान दिया। आई.आई.टी रोपड़ के निदेशक डॉ. राजीव अहूजा ने तकनीकी शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और अग्रणी पहल पर अपने विचार रखे।
ए.आई.सी.टी.ई. के मुख्य समन्वयक अधिकारी डॉ. बुद्धा चन्द्रशेखर ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया । दिल्ली यूनिवर्सिटी के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर के प्रो. संजीव सिंह ने तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए वेब आधारित आईसीटी शिक्षा में अंतर-सांस्कृतिक सहयोग की योजना बनाई और विकसित करने पर अपने विचार रखे। डी.ए.वी कॉलेज जालंधर के पूर्व उप-प्रधानाचार्य प्रो राजिंदर कुमार पराशर ने गति की उत्पत्ति पर चर्चा कर अपने विचार रखे।
आई.आई.टी. रोपड के एसो. प्रो., ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंसेज विभाग, के प्रोफेसर समरूती रंजन बेहेरा ने तकनीकी संस्थानों में सामाजिक विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान में सुधार पर अपनी बात रखी। आई.आई.टी. रोपड़ के कंप्यूटर साइंसेज विभाग के प्रो. शशि शेखर झा ने बेहतर शासन और सेवा वितरण के लिए ड्रोन के उपयोग पर अपना व्याख्यान दिया।  आई.आई.आई.टी. ऊना के डॉ. जसपाल कौर सैनी एवं डॉ. दिव्यांश ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में सटीक खेती के लिए एआई असिस्टेड ड्रोन और आईओटी तकनीक पर व्याख्यान दिया।
विक्टोरिया यूनिवर्सिटी वेलिंग्टन, न्यूजीलैंड के स्कूल ऑफ केमिकल एवं फिजिकल साइंसेज के लेक्चरर डॉ. तुलसी नंदन ने ऑनलाइन माध्यम से विचार प्रक्रिया, सीखे गए सबक और निहितार्थ को लागू करने पर अपने विचार रखे। एच.पी.टी.यू. हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने तकनीकी उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शैक्षिक नीति के कार्यान्वयन की अहमियत को सभी के समक्ष रखा। जे.एन.जी.इ.सी. सुन्दरनगर के निदेशक एवं प्रधानाचार्य प्रो. एस.पी गुलेरिया, अटल बिहारी वाजपेयी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रगतिनगर के निदेशक एवं प्रधानाचार्य प्रो. उमेश राठौर ने संकाय विकास, कार्यबल में कौशल अंतराल को संबोधित करना, रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ाना जैसे विषयों पर अपने विचार रखे ।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu