हितेंद्र साहसी के तरानों पर झूमा बंजार।


जिला स्तरीय बंजार मेला की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में लोक गायक हितेंद्र साहसी के नाम रही।मखमली आवाज के मालिक लोक गायक हितेंद्र साहसी ने जैसे ही 9 बजे स्टेज संभाला तो साहसी ने एक से बढ़कर एक पहाड़ी गीतों पर दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया।लोक गायक हितेंद्र साहसी ने सुले हंडना सुले हंडना बंजारा री सड़की सुले हंडना, तुवी ता शुने मामा री भांजिए बूटिए दिना झुलारा लो,जानू जानू लव यू जानू,पागल किया पागल किया तैं गै झुरिये पागल किया,कुल ता चूटी मलोना री भात बोला कीजी रा खाना आदि अनेकों पहाड़ी गीतों की झड़ी लगा दी।

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