जिला कुल्लू के निरमण्ड के अंतर्गत 18570 फुट की ऊंचाई पर स्थित देश की कठिनतम धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखण्ड महादेव यात्रा से पूर्व गुरुवार को अंबिका माता और स्वामी दत्तात्रेय की पवित्र छड़ी यात्रा श्रीखण्ड के लिए रवाना हो गई है। यह छड़ी यात्रा पूरे विधि- विधान व पूजा अर्चना के साथ श्री खण्ड महादेव के लिए रवाना हुई।। दशनामी जूना अखाड़ा प्रमुख की अगुवाई में सैकड़ों साधु-संत निरमण्ड से श्रीखण्ड की ओर भोले के जयकारों के साथ निकले। पवित्र छड़ी में निकले ये साधु-संत गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखण्ड में महादेव के दर्शन करेंगे। हालांकि, प्रशासनिक रूप से श्रद्धालुओं के लिए 7 से 20 जुलाई तक यह यात्रा करवाई जाएगी।
अखिल भारतीय दशनामी जूना अखाड़ा के श्री पंच महंत रामचंद्र गिरी ने हरी झंडी दिखाकर महात्माओं और श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना किया।
साधु संतों का यह जत्था गुरु पूर्णिमा को तीन जुलाई के दिन श्रीखण्ड महादेव के दर्शन कर लौटेगा। अंबिका माता के कारदार पुष्पेंद्र शर्मा, छड़ी यात्रा समिति अध्यक्ष टकेश्वर शर्मा, सचिव योगेश भार्गव ने बताया कि दशनामी जूना अखाड़ा निरमण्ड से माता अंबिका और दत्तात्रेय स्वामी की छड़ी यात्रा प्राचीन समय से जाती रही है, जो हर साल देव शयनी एकादशी को निरमण्ड से रवाना होती है और गुरु पूर्णिमा के दिन दर्शन करके लौटती है।
तीन जुलाई को छड़ी यात्रा वापस निरमण्ड की ओर रवाना होगी, जो आठ जुलाई निरमण्ड पहुंचेगी। नौ जुलाई को यहां भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि आधिकारिक यात्रा को भी छड़ी यात्रा के साथ ही शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि छड़ी यात्रा देव नीति और शुभ मुहूर्त देखकर ही सैकड़ों वर्षों से आयोजित हो रही है।
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