26 जून।
प्रादेशिक संवाददाता हिमाचल।
हिमाचल प्रदेश में पहली बार सेब कारोबार सीसीटीवी की निगरानी में होगा। सरकार ने राज्य कृषि विपणन बोर्ड को सभी मंडियों के प्रवेश द्वारों सहित ऑक्शन यार्ड पर उच्च डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया है। इन कैमरों को स्थानीय एसडीएम और पुलिस अधिकारियों के कार्यालय में लगी स्क्रीन से जोड़ा जाएगा।
वजन के हिसाब से सेब नहीं बेचने वाले आढ़तियों और रूमाल के नीचे सेब की अवैध बोली लगाने वालों पर सबूतों के साथ शिकंजा कसा जाएगा। कैमरे मंडियों में कितने वाहनों ने प्रवेश किया और कितनी गाड़ियां भरकर बाहर निकलीं देखेंगे। एपीएमसी के अधिकारियों को सरकारी आदेशों पर सेब सीजन की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि मंडियों में हाई डेफिनेशनसेब में कैमरे लगाने के निर्देश
प्रदेश सरकार बागवानों के हित में सेब कारोबार को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने को प्रतिबद्ध है। मार्केटिंग बोर्ड ने सभी मंडियों में उच्च डेफिनेशन के सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि गड़बड़ी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। -जगत सिंह नेगी, हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी मंत्री।
ऐसा होगा कि हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद मंडियों में रूमाल, तौलिए और ट्रे के नीचे सेब की बोली लगाने वाले आढ़तियों पर शिकंजा कसा जाएगा। बागवानों का सेब औने-पौने मूल्य पर बेचने के लिए आढ़ती और खरीददार मिलकर अच्छी कमाई करते हैं। परदे में बोली बोली जाती है, न कि ऑक्शन यार्ड पर खुली बोली। अंगुलियों के इशारे से मूल्य निर्धारित होता है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अब आढ़ती पर तुरंत कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द किया जाएगा और खरीदार को सेब खरीदने पर भी रोक लगाई जाएगी।
मंडियों में सख्ती, सड़क किनारे कारोबार करने वालों पर नरमी आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार मंडियों में काम करने वाले आढ़तियों के लिए लगातार नए कानून बना रही है, लेकिन सड़क किनारे कारोबार करने वालों को खुली छूट मिल रही है। मंडियों के आढ़ती सरकार को करोड़ों रुपये मार्केट फीस देते हैं, जबकि सड़क पर काम करने वाले लोग भी मार्केट फीस नहीं देते।
सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है। मंडियों में गैरकानूनी काम करने वालों पर कैमरे नजर रखेंगे।
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