शाक्टी,मरौड़,शुगाड़ और कुटला के गांवो में खुली विकास के सरकारी दावों की पोल, अब तक इन गांवों में बिजली नहीं पहुंची।

12 जून।
महेन्द्र पालसरा।
विशेष संवाददाता सैंज।

देश और प्रदेशों में विभिन्न सरकारें कई प्रतिष्ठित मंचों एवम मीडिया चैनलों पर विकास करने बड़े - बड़े दावे करती नहीं थकती। मगर धरातल पर कुछ अलग ही तस्वीर नज़र आती है। 
ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी से प्रकाश में आया है। 
इस घाटी में ग्रामीण अभी भी सड़क,बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जहां के लोग आज भी बिजली से वंचित हैं। उनकी औलादें कोई बड़े सपने नहीं देख सकती हैं। वे सभी टीवी, फ्रिज,कंप्यूटर,मोबाइल आदि आधुनिक सुविधाओं से महरूम हैं। 
जिला कुल्लू के सैंज घाटी के कोठी ग्राम पंचायत गाड़ापार के शाक्टी, मरौड़, शुगाड़ व कुटला गांव में आज भी बिजली नहीं है। ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली होती तो हम व हमारे बच्चे देश व प्रदेश के हालात व राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के अलावा देश व प्रदेश के संदेश सुनते। नई टेक्नोलॉजी सिखते। वहीं ग्रामीण हीरा चंद, डोले राम, लाल ठाकुर, लग्न राणा, प्रताप सिंह,शेर सिंह,राम चंद,जित राम,सोहन लाल, गोविंद राम, इन्द्र सिंह व वार्ड पंच शाक्टी निर्मला देवी का कहना है कि हमारे गांव में पोल तो पहुंच गए पर अभी तक खड़े नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हमारे ग्रामीणों ने कई बार सरकार व विभाग को निवेदन किया है कि हमारे गांव में बिजली पहुंचाई जाए ‌। उन्होंने कहा हमारे तहसील सैंज पुर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा प्रोजेक्ट का शिलान्यास रखा और हिमाचल सरकार द्वारा हमारी पंचायत डैम साइड बनाया गया है फिर भी हमें बिजली नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा पुरे भारत वर्ष में ऐसा गांव नहीं जहां बिजली नहीं पहुंची है ‌। जिला कुल्लू के सिर्फ 4 गांव बिजली से वंचित है।

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