हिमाचल प्रदेश मिड डे वर्कर्ज के प्रतिनिधिमण्डल ने अपने मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से की मुलाक़ात।

हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (सबंधित सीटू ) का प्रतिनिधिमण्डल अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला । मिड डे मील वर्कर्स की प्रमुख मांगों पर  प्रतिनिधिमण्डल ने शिक्षा मंत्री से विस्तार से चर्चा की गई । सीटू राज्य उपाध्यक्ष जगत राम, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष इंद्र कुमार व महासचिव हिमी देवी ने कहा है कि सरकार द्वारा  बजट में घोषित ₹4000 वेतन की अधिसूचना अभी तक लागू नहीं की गई है। इसे तुरंत लागू किया जाए। मिड डे मील वर्कर्ज को प्रतिमाह पहली तारीख को वेतन दिया जाए। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में फैसला दिया था कि मिड डे मील वर्कर्ज को 10 महीने के बजाए 12 महीने का वेतन दिया जाए। इस फैसले को पिछली भाजपा सरकार ने  लागू नहीं किया।  इस मांग पर शिक्षा मंत्री से विस्तार से चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाने को कहा ताकि इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सके। हिमाचल प्रदेश में बच्चों की कम संख्या वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है। उन स्कूलों के अन्य स्टाफ को दूसरे स्कूलों में नौकरी दी जाती है। सिर्फ मिड डे मील वर्कर को नौकरी से निकाल दिया जाता है। यूनियन ने मांग की है कि अन्य स्टाफ की तरह मिड डे मील वर्कर्ज को भी दूसरे स्कूलों में नौकरी दी जाए। यदि डे मील का पद खाली नहीं है तो उन्हें मल्टीटास्क वर्क के रूप में अन्य स्कूलों में नौकरी दी जाए। मिड डे मील वर्कर्ज को पूरे साल में एक भी छुट्टी नहीं दी जाती जिससे मिड डे मील वर्कर्ज को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।   यूनियन ने मांग की है कि   आंगनबाड़ी कर्मियों की तर्ज पर मिड डे मील वर्कर्ज को छुटियां दी जाएं। मिड डे मील वर्कर्स  की नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त के  चलते प्रदेश में लगभग 8000 से ज्यादा   कर्मियों को नौकरी से निकाला जा चुका है । यूनियन ने मांग की है कि नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त को हटाया जाए और प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो वर्कर्ज को नियुक्त किया जाए। मिड डे मील वर्कस के हेल्थ चेकअप के लिए अस्पताल तक आने जाने का किराया व टेस्टों  पर आने वाले खर्च का भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा किया जाए। शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। प्रतिनिधिमण्डल में सीटू राज्य उपाध्यक्ष जगत राम, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष इंद्र कुमार, महासचिव हिमी देवी, गुरदास, सुदेश, शांति, बलविंदर कौर, इंदर कुमार आदि  शामिल रहे।

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