वर्षा ऋतु के आगमन के साथ जिला में नदियों का जल स्तर निरंतर बढ़ रहा है। नदियों में जलस्तर में हो रही बढोतरी के दृष्टिगत कोई भी व्यक्ति विशेषकर सैलानी नदी के समीप न जाएं और न ही नदी में उतरने का जानलेवा साहस करें।
उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रशासन को सूचना मिल रही कि पर्यटक नदी-नालों के करीब सैल्फी व फ़ोटो लेते देखे गए है। इस प्रकार का प्रयास जानलेवा सावित हो सकते है।
उन्होंने होटल मालिकों, टैक्सी चालकों तथा आम लोगों से आग्रह किया है कि वे बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों को नदी-नालों के खतरों के प्रति सचेत करें तथा नदी नालों के समीप बैठने की व्यवस्था को बंद करें।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि बारम्बार चेतावनी जारी करने के बावजूद सैलानी अति उत्साह में नदी के समीप चले जाते हैं और उन्हें यह एहसास नहीं है कि पहाड़ों में नदी का जलस्तर अक्समात बढ़ जाता है जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
नदी नाले इन दिनों उफान पर हैं और ऐसे में नदी से 10 फुट की दूरी बनाकर रखें ताकि अचानक बहाव आने पर अपनी जान बचाई जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि मनीकरर्ण घाटी में पार्वती नदी उफान पर है और बड़ी संख्या में युवा सैलानी जो मनीकर्ण व कसोल घूमने के लिए आ रहे हैं, नदी के किनारे जाने से बचें। नदी का तेज बहाव थोड़ी सी भूल के कारण जानलेवा बन जाता है। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग करते समय कोई भी सैलानी नदी की लहरों के साथ अटखेलियां करने की कोशिश न करें। उन्होंने राफ्ट संचालकों को भी निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी पर्यटक को राफ्टििंग के दौरान राफ्ट में लटकने की इजाजत विल्कुल न दें। ऐसा करने पर कारवाई की जाएगी। इसके साथ ही बंजार की तीर्थन तथा अन्य नालों के किनारों से भी दूर रहें।इन
आदेशों की अवहेलना करने पर पुलिस अधिनियम के तहत 8 दिन के कारावास, सहित एक हजार से पांच हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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