आपदा से निपटने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनेगी

प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन किया जाएगा, ताकि आपदा को कम करने के लिए जो भी स्कीमें तैयार होंगी, उन पर तुरंत फैसला लिया जा सके। इसके लिए 14 पद सृजित किए जाएंगे। यह यूनिट करोड़ों के प्रोजेक्टों के संचालन और उनकी मॉनिटरिंग का काम करेगी ताकि योजनाबद्ध तरीके से आपदा से निपटने पर काम हो सके। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुए प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। प्रदेश में मानसून के दौरान आई भीषण प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने इस यूनिट के गठन का फैसला लिया। इसमें टेक्निकल स्टाफ की भर्ती की जाएगी।



मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि ट्राइबल एरिया के लोगों को नौतोड़ भूमि मिलने से बॉर्डर के साथ लोगों का पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि नौतोड़ क्षेत्र नेशनल पार्क, वन सेंचुरी, संरक्षित क्षेत्र, सामुदायिक संरक्षित, वन संरक्षित, डीपीएफ के अन्तर्गत नहीं होना चाहिए। भूमि में खड़े पेड़ों की संख्या दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भूमि केवल घरेलू उपयोग के लिए ही उपलब्ध करवाई जाएगी और संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार के वन अपराधों में संलग्नता नहीं होनी चाहिए।


अदालत में इन पदों को भरने की मंजूरी...कैबिनेट ने मंडी जिला के धर्मपुर और पधर में नए स्थापित सिविल कोर्ट तथा नूरपुर, देहरा, पालमपुर, पावंटा साहिब और रोहड़ू में नव स्थापित अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायालय में सहायक जिला न्यायवादी के पद सृजित करने तथा पोस्को कोर्ट और सीबीआई कोर्ट में उप ज़िला न्यायवादी के सात पद सृजित करने को स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने राज्य में लोकमित्र केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं के लिए ली जाने वाली राशि के युक्तिकरण को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने वस्तु एवं सेवा कर परिषद की सिफारिशों के क्रियान्वयन के दृष्टिगत केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2023 को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।


प्रदेश के ट्राइबल एरिया के लोगों को नौतोड़ भूमि मिलेगी। राज्य में यह मांग कई सालों से लटकी हुई थी। कैबिनेट ने इसके लिए ट्राइबल एरिया में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 को सस्पेंड करने और राज्यपाल को इसकी रिकोमेंडेशन भेजने का निर्णय लिया , क्योंकि भारत के संविधान में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट सस्पेंड करने की शक्तियां राज्यपाल को दी गई है। इसके तहत जनजातीय लोगों को नौतोड़ नियमों के तहत अधिकतम 20 बीघा तक जमीन दी जा सकेगी। बैठक में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी करने का भी निर्णय लिया।

250 जगह एक-एक हैक्टेयर के नए जंगल तैयार होंगे और बड़ेगा ग्रीन कवर एरिया।


हिमाचल में ग्रीन कवर एरिया को बढ़ाने के लिए कैबिनेट में मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की गई। इसके तहत खाली व बंजर भूमि पर पौध रोपण किया जाएगा। 250 जगह पर एक-एक हैक्टेयर के वन विकसित किए जाएंगे। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन सह वन बल प्रमुख की अध्यक्षता में एक कार्यबल का भी गठन किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि चयनित क्षेत्रों का सात वर्षों तक रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा और पौधरोपण तथा रखरखाव का यह कार्य आउटसोर्स आधार पर किया जाएगा, जिसमें स्थानीय निवासियों को भी शामिल किया जाएगा।


आईजीएमसी की कैजुअल्टी में 136 पद भरने को भी मंजूरी


मंत्रिमंडल है आईजीएमसी शिमला के ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी मेडिसन विभाग में विभिन्न श्रेणी के 136 पद सृजित कर उन्हें भरने की भी मंजूरी दी है । इससे संबंधित सभी छह विभागों न्यूरोसर्जरी, रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, अनेस्थिसिया, ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी में तीन चरणों में 24 घंटे सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में नगर निकायों में भी 87 पद और हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में भी विभिन्न श्रेणियों के 7 पद सृजित करने की स्वीकृति मिल गई है।



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